वर्षों बाद जिस्मफरोशी के दलदल से निकली युवती, लेकिन अब माता-पिता याद नहीं
मुंबई : ओशिवारा पुलिस ने एक महिला रूबी ठाकुर सहित ८ लोगों को गिरफ्तार किया है। इन पर ७ वर्षीय नाबालिग(अब २४ साल) बच्ची को अगवा करने, जिस्मफरोशी करवाने, मारने-पीटने और बंधक बनाने समेत कई आरोप हैं। उधर, पीड़िता को अब अपने मां-बाप का चेहरा तक याद नहीं है। पीड़िता ने पुलिस को बताया कि ७ साल की उम्र में उसे किसी ने अगवा कर दिल्ली भेज दिया था। जहां रूबी ठाकुर नाम की महिला ने उसे खरीद लिया। पीड़िता के मुताबिक रूबी उससे अपने घर का सारा काम करवाती थी। इनकार करने पर उसे मारती-पीटती भी थी।
पीड़िता ने शिकायत में कहा कि एक दिन वह रूबी के किसी परिचित के साथ कांदिवली आ गई। यहां उसे एक छोटे से कमरे में १० लड़कियों के साथ रखा गया था। यहां सभी लड़कियां बार में डांस करती थीं। ११ साल की होने पर रूबी उसको लेकर अंधेरी के लोखंडवाला गई, जहां वह एक आदमी के साथ रहने लगी। यहां वह तीन साल तक रही और जब १४ साल की हो गई, तो सांताक्रुज स्थित एक डांस बार में भेज दिया गया।
जबरन कराई गई जिस्मफरोशी
पीड़िता के मुताबिक यहां जबरन उससे जिस्मफरोशी करवाई गई। २०१० में वह जिस्मफरोशी के लिए भारत से बाहर भेज दी गई, जहां उसकी मुलाकात एक युवती से हुई। उसने जब आपबीती सुनी, तो मदद के हाथ बढ़ाए। २१ वर्ष की उम्र में वह उस युवती की मदद से दलालों के चंगुल से भाग निकली।
कोर्ट ने पुलिस को दिया आदेश, माता-पिता से मिलाएं
३ साल यहां-वहां रहने के बाद वह उसी युवती की मदद से ओशिवारा पुलिस पहुंची, जहां पुलिस ने उसके बयान के आधार पर मामला दर्ज कर ८ लोगों को गिरफ्तार किया है। स्थानीय कोर्ट ने पीड़िता को मां-बाप से मिलाने का पुलिस को आदेश दिया है। मगर, अफसोस कि बात है कि पीड़िता को अपने मां-बाप का चेहरा तक याद नहीं है।