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गजानन कीर्तिकर के एकनाथ शिंदे गुट में शामिल होने के आसार काफी पहले से ही नजर आ रहे थे। खुद मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने उनसे मुलाकात भी की थी। इसके बाद से ही कहा जा रहा था कि कीर्तिकर कभी भी शिंदे गुट में जा सकते हैं। हालांकि तब गजानन कीर्तिकर ने इन बातों को कोरी अफवाह बताया था। उन्होंने कहा था कि वह अभी भी उद्धव ठाकरे के साथ हैं लेकिन अंदर खाने में खिचड़ी कुछ और ही पक रही थी।गजानन कीर्तिकर के एकनाथ शिंदे गुट में जाने से उद्घव ठाकरे गुट को एक बड़ा झटका लगा है। इसका असर इसका असर यह होगा कि आने वाले बीएमसी चुनाव साथ ही साल 2024 में होने वाले विधानसभा और लोकसभा चुनाव में ठाकरे गुट को एकनाथ शिंदे और बीजेपी से कड़ी टक्कर मिलेगी। अब तक गजानन कीर्तिकर ने उत्तर-पश्चिम लोकसभा सीट पर अपना प्रभुत्व जमाकर रखा था। जिसका सीधा फायदा शिवसेना को मिलता था। जिसके चलते विधानसभा और बीएमसी चुनाव में शिवसेना को काफी फायदा होता था। हालांकि, कीर्तिकर के शिंदे गुट में जाने से उनकी उद्धव ठाकरे की मुश्किलें इस इलाके में बढ़ना तय माना जा रहा है। बीएमसी चुनाव में गजानन कीर्तिकर का फायदा बीजेपी को अच्छे खासे ढंग से मिल सकता है। कहने को तो कीर्तिकर रहेंगे एकनाथ शिंदे के साथ लेकिन फायदा सीधे बीजेपी सांसद गजानन कीर्तिकर ने भले ही एकनाथ शिंदे गुट को ज्वाइन कर लिया हो लेकिन उनके बेटे अमोल       कीर्तिकर ने अभी भी ठाकरे गुट का दामन नहीं छोड़ा है। इस वजह से अब कीर्तिकर पिता-पुत्र गजानन कीर्तिकर और उनके बेटे अमोल कीर्तिकर के बीच में विवाद पैदा हो गया है। पिता के शिंदे गुट ज्वाइन करने के सवाल पर अमोल कीर्तिकर ने कहा कि मैंने कई बार उन्हें ऐसा न करने के लिए समझाया था लेकिन उन्होंने मेरी बात को अनसुना कर दिया। शिंदे गुट में शामिल होने का यह उनका निजी फैसला है।



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