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  आव्हाड ने कहा है कि कोई भी आंदोलन बिना नेतृत्व के शुरू होता है तो वो भयानक होता है. लोगों के दिलों में जो गुस्सा होता है वो एकदम से विस्फोटक रूप में सामने आता है. उसे फिर कंट्रोल करना मुश्किल हो जाता है. ठाणे और बदलापुर में जो पब्लिक का गुस्सा दिखाई दिया, वो मुंबई में जगह-जगह दिखाई दे सकता है.जितेंद्र आव्हाड ने कहा कि मध्य रेलवे की ओर से एसी लोकल की फेरियां बढ़ाए जाने के खिलाफ ठाणे, बदलापुर में लोगों ने जो आंदोलन किया वो अब हर स्टेशन पर दिखेगा. एसी लोकल की फेरियां बढ़ाए जाने से आम लोगों को अब ट्रेन में चढ़ने के लिए और लंबे समय तक इंतजार करना पड़ रहा है. साधारण लोकल ट्रेन की बजाए एसी ट्रेनें आ जाती हैं तो प्लेटफॉर्म पर भीड़ और बढ़ती जाती है. ऐसे में देर से आने वाली लोकल ट्रेनों पर चढ़ने के लिए धक्का-मुक्की और बढ़ जाती है और ट्रेन पर चढ़ना और भी ज्यादा मुश्किल हो जाता है.जितेंद्र आव्हाड ने कहा कि लोकल में सफर करने वाले आम लोगों की नाराजगी खुल कर सामने आ रही है. अब मुंबई लोकल में सफर करने वाले यात्रियों की इस समस्या को लेकर एनसीपी एक जन आंदोलन शुरू करने वाली है क्योंकि मध्य रेलवे में इतनी संवेदनशीलता नहीं बची है कि वह आम यात्रियों के बारे में सोचे.

जितेंद्र आव्हाड ने कहा कि मध्य रेलवे से होने वाली आमदनी देश में सबसे ज्यादा है. कोई आर्थिक संकट ना होने के बावजूद साधारण लोकल रद्द कर एसी लोकल ट्रेनें चलाए जाने को अहमियत दी जा रही है. जबकि तथ्य यह है कि 10 एसी लोकल ट्रेनों में 5700 लोग सफर करते हैं जबकि 1 एसी लोकल ट्रेन में 2700 लोग सफर करते हैं. आम यात्रियों के लिए एसी लोकल का खर्चा वहन करना बहुत मुश्किल है. रेलवे को आम यात्रियों का खयाल करना ही पड़ेगा. जितेंद्र आव्हाड ने कहा कि आम तौर पर मध्यमवर्गीय लोग सड़कों पर नहीं उतरते हैं, लेकिन अगर जो वे सड़कों पर उतर गए तो क्या हो सकता है, यह रेल प्रशसन को ध्यान में रखना चाहिए

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