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   मिली जानकारी के अनुसार डोंबिवली पूर्व के मानपाडा पुलिस स्टेशन क्षेत्र में हिम्मत नाहर की डेलिक्स प्लाईवुड की एक दुकान है। 3 अगस्त को संजय विश्वकर्मा नाम का एक व्यक्ति आया और उसने प्लाईवुड के संबंध में कुछ सौदा किया। उसने दुकान से एडवांस का पैसा यह कहते हुए उसको ले लिया कि वह एटीएम से निकाल कर देगा। वहां से हिम्मत नाहर को एक कार में ले जाया गया और उसका अपहरण कर लिया गया। कुछ ही घंटों में हिम्मत के भतीजे जीतू का फोन आया। फोन करने वाले ने हिम्मत को रिहा करने के लिए 50 लाख रुपए की मांग की। इस संबंध में जीतू ने मानपाडा पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई हैकल्याण डीसीपी सचिन गुंजाल के मार्गदर्शन में इस मामले की जांच शुरू हुई। वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक शेखर बागडे ने जांच के लिए पुलिस अधिकारियों सुनील तारमले और अविनाश वनवे की टीमों को नियुक्त किया। पुलिस जांच शुरू की गई। अपहरणकर्ता जीतू को पैसे लेकर किसी जगह पर बुला रहा था। जीतू को मुंबई आगरा रोड पर गोथेघर गांव के पास एक सुरंग स्थल पर पैसे लाने के लिए कहा गया था।जीतू ने पैसे ले लिए और गोथेघर इलाके में पहले से ही ग्रामीणों के वेश में पुलिसकर्मियों की चार टीमें तैनात थीं। कुछ ही देर में एक जायलो कार वहां आ गई। उसमें तीन लोग सवार थे। जीतू ने पहले अंकल को मुझे सौंपने को कहा। वहीं पुलिस ने जायलो की कार को घेर लिया। हिम्मत नाहर को गांव के एक कमरे में बंद कर दिया गया था। पुलिस द्वारा उसे वहां से निकाल लिया किया गया। इस मामले में संजय विश्वकर्मा, संदीप रोकड़े, धर्मराज कांबले और रोशन सावंत नामक चार आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। मानपाडा पुलिस के कारनामे की हर तरफ तारीफ हो रही है।

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