एकनाथ शिंदे सरकार से मिले एनसीपी के लीडर विकास कार्यों को नहीं रोकने की मांग
शिंदे सरकार के निर्णयों पर आपत्ति जताने और विकास कार्यों को नहीं रोकने की मांग को लेकर विपक्ष के नेता अजीत पवार के नेतृत्व में एक शिष्टमंडल ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से अलग-अलग मुलाकात की। वहीं, उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा है कि पिछली सरकार ने आखिरी समय में बजट की उपलब्धता को नहीं देखते हुए बजट की अपेक्षा 5 गुना अधिक निधि का वितरण किया है। जिसकी वजह से निर्णय रद्द करना ही पड़ेगा। एकनाथ शिंदे सरकार ने महाविकास आघाड़ी सरकार की तरफ से लिए गए कई निर्णयों को स्थगित कर दिया है। जिला नियोजन समिति के जरिए वितरित की गई निधि भी रोक दी गई है। विशेष रुप से बारामती की 245 करोड़ रुपए के कार्यों को भी शिंदे सरकार ने रोक दिया है। इसी तरह नगर विकास विभाग के कुल 941 करोड़ रुपए के कार्यों को रोका गया है। महाविकास आघाड़ी सरकार ने मंत्रिमंडल की आखिरी बैठक में औरंगाबाद और उस्मानाबाद शहर का नाम बदलने और नवी मुंबई एयरपोर्ट के नामकरण प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। शिंदे सरकार ने उस निर्णय को भी रद्द कर औरंगाबाद को संभाजी नगर और उस्मानाबाद को धाराशिव करने वाले नए प्रस्ताव को मंजूरी दी है।विपक्ष की तरफ से शिंदे सरकार पर पिछले सरकार के निर्णयों को रोकने का आरोप लग रहा है। विपक्ष के नेता अजीत पवार के नेतृत्व में एक शिष्टमंडल ने मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री से मुलाकात कर विकास कार्यों को स्थगित नहीं करने की मांग की। शिष्टमंडल में अजीत पवार के अलावा छगन भुजबल, दिलीप वलसे पाटिल, धनंजय मुंडे, जितेंद्र आव्हाड सहित अन्य विधायक शामिल थे। विरोधी पक्ष के एक शिष्टमंडल ने मुझसे मुलाकात की। सभी कार्यों को नहीं जो काम आवश्यक होगा उसे मान्यता दी जाएगी। पिछली सरकार ने आखिरी समय बजट की उपलब्धता को नहीं देखते हुए बजट से 5 गुना अधिक निधि का वितरण किया। अर्थात इस संदर्भ में लिए गए निर्णय को रद्द करना ही पड़ेगा, उसे यथावत नहीं रखा जा सकता है।