एकनाथ शिंदे बनेगे अगले मुख्यमंत्री
इस दुर्घटना ने झकझोर कर रख दिया था शिंदे को
2 जून 2000 की बात है, जब एकनाथ शिंदे के 11 वर्षीय बेटे दिपेश और 7 वर्षीय बेटी शुभादा उनके गांव के पास झील में बोटिंग के लिए गए थे. नाव पलटने से दोनों की झील में डूबने के कारण मौत हो गई. इस दुखद घटना के बाद वह कई महीनों तक डिप्रेशन में रहे. उस समय आनंद दीगे ने उन्हें भावनात्मक समर्थन दिया. शिंदे के एक बेटे डॉ. श्रीकांत शिंदे एक ऑर्थोपेडिक सर्जन हैं और वह साल 2014 से ही राज्य की कल्याण लोकसभा सीट से लोकसभा सांसद हैं. साल 2019 के लोकसभा चुनाव में वह यहां से दोबारा चुनाव जीतकर दिल्ली पहुंचे थे.
शिंदे का राजनीतिक सफर
शिंदे का राजनीतिक सफर 1980 के दशक में शुरू हुआ था. उन्हें उस समय ठाणे के शिवसेना अध्यक्ष आनंद दीघे ने राजनीति में अवसर दिया था. साल 2001 में दीघे के निधन के बाद उनकी राजनीतिक विरासत को एकनाथ शिंदे ने ही आगे बढ़ाया. साल 2004 से अब तक वह चार बार राज्य विधानसभा के लिए चुने गए हैं.