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     भुजबल ने कहा कि सुपरमार्केट में शराब बिक्री की अनुमति देने का सरकार का कदम निश्चित रूप से किसानों के लिए मददगार साबित होगा। महाराष्ट्र सरकार ने पिछले बृस्पतिवार को को कहा था कि राज्य में सुपरमार्केट में शराब की बिक्री की अनुमति दी जाएगी।

सिल्क विकास मंत्रालय के मंत्री नवाब मलिक ने कहा कि फल आधारित मदिरा को बढ़ावा देने के लिए यह फैसला लिया गया, ताकि किसानों को अतिरिक्त आय हो सके। राज्य में विपक्षी दल भाजपा ने शराब बिक्री के इस फैसले की निंदा करते हुए कहा कि राज्य सरकार शराब को बढ़ावा दे रही है।

महाराष्ट्र सराकार के फैसले को न्यायोचित ठहराते हुए भुजबल ने कहा, ''भाजपा शासित मध्यप्रदेश में सरकार ने घरों में बड़ी मात्रा में शराब भंडारण करने की अनुमति दे रखी है। सरकार ने बार खोलने की भी अनुमति दी।' राकांपा नेता ने कहा कि शराब को विश्वभर में व्यापक तौर पर एक स्वास्थ्य पेय माना जाता है। इसके पहले दिन में सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने कहा कि वित्तीय लाभ के लिए महाराष्ट्र सरकार की ओर से शराब बिक्री को प्राथमिकता देना दुर्भाग्यपूर्ण है।

हजारे ने कहा कि सरकार का काम लोगों के बीच मादक पदार्थ और शराब की लत को हतोत्साहित करना है। पिछले हफ्ते राज्य सरकार ने कहा था कि सुपरमार्केट और 1000 फुट से अधिक बड़ी दुकानें लाइसेंस फीस का भुगतान करके शराब बेच सकेंगी। हालांकि उन सुपरमार्केट में शराब बिक्री पर मनाही है, जिनके पास में कोई प्रार्थना स्थल या शैक्षणिक संस्थान है। सुपरमार्केट को शराब बिक्री के लिए 5000 रुपये फीसद के रूप में देने होंगे। (एजेंसी)

मुंबई: महाराष्ट्र के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री छगन भुजबल (Chhagan Bhujbal) ने सोमवार को सुपरमार्केट में शराब बिक्री के राज्य सरकार (Maharashtra Government) के निर्णय का विरोध करने के लिये भाजपा की खिंचाई की। मंत्री ने आरोप लगाया कि मध्य प्रदेश में भगवा दल की सरकार ने लोगों को घर में बड़ी मात्रा में शराब का भंडारण करने की छूट दे रखी है।

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