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मुंबई, राकांपा प्रवक्ता नवाब मलिक ने एनसीबी के अधिकारी समीर वानखेड़े के खिलाफ एक और साक्ष्य लोगों के सामने लाया है। उन्होंने दावा किया है कि समीर वानखेड़े जब नाबालिग थे तो उनके पिता ने समीर के नाम पर बार परमिट बनवाया था। यह बार वाशी में अभी भी वानखेड़े के नाम पर चल रहा है। उन्होंने यह भी दावा किया है कि बार और रेस्टोरेंट के परमिट का ३१ मार्च २०२२ तक नवीनीकरण किया गया है।
नवाब मलिक ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्प्रâेंस कर यह गंभीर आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि ज्ञानदेव वानखेड़े १९९७ में आबकारी कार्यालय में कार्यरत थे। उस वक्त उन्होंने समीर वानखेड़े के नाम से बार परमिट जारी किया था। यह ठाणे जिले के रजिस्टर में दर्ज है। मलिक ने कहा कि जब समीर ज्ञानदेव वानखेड़े के नाम पर परमिट जारी किया गया था, उस समय समीर की आयु महज १७ साल १० महीने और १९ दिन थी। नवाब मलिक ने आरोप लगाया है कि पिता ने नाबालिग बेटे को बार का लाइसेंस दिया, जो सबसे बड़ी जालसाजी है।
केंद्र सरकार के सनदी अधिकारियों को हर साल अपनी संपत्ति की घोषणा करनी होती है लेकिन नौकरी पर लगते ही उन्होंने यह जानकारी २०१७ तक छिपा कर रखी है। फिर सूचित किया लेकिन यह बताया गया कि किराया मिल रहा है। मलिक ने कहा कि समीर दाऊद वानखेड़े शराब का धंधा चला रहे हैं। सरकारी नियमों के अनुसार केंद्र सरकार का कोई भी अधिकारी नौकरी के दौरान व्यापार नहीं कर सकता है। इसके बावजूद वानखेड़े ने केंद्र सरकार के नियम की धज्जियां उड़ाई है इसलिए उन्हें नौकरी पर बने रहने का कोई अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा कि अगले तीन-चार दिनों में वह डीईपीटो और अन्य एजेंसियों में शिकायत दर्ज कराएंगे।
आर्यन खान मामले में समीर दाऊद वानखेड़े पर फिरौती मांगने का आरोप है। बाद में यह आरोप लगा है कि उन्होंने दलितों के अधिकार को छीना है। शराब कारोबार की जानकारी छिपाना यह उन पर लगनेवाला तीसरा गंभीर आरोप है। मलिक ने कहा कि इसके साक्ष्य भी हैं। इन आरोपों और साक्ष्यों के आधार पर यह तय है कि उनकी नौकरी चली जाएगी।

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