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मुंबई, वसूली मामले में वांछित पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह गिरफ्तारी से बचने के लिए सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए लेकिन वहां उन्हें निराशा हाथ लगी। सुप्रीम कोर्ट ने उनकी याचिका पर सुनवाई करने से इंकार करते हुए उनसे तीखा सवाल पूछते हुए उनके वकील से कहा कि वह कहां छिपे हैं, पहले अपना पता बताएं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पहले यह बताइए कि आप हैं कहां? भारत में हैं या बाहर? इसके बिना आपकी याचिका नहीं सुनी जा सकती। इसी के साथ कोर्ट ने उनकी याचिका पर सुनवाई सोमवार तक के लिए टाल दी।
बता दें कि रियल इस्टेट डेवलपर और होटल व्यवसायी बिमल अग्रवाल ने निलंबित एपीआई सचिन वझे व पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह सहित अन्य पर आरोप लगाया था कि उन्होंने उनके दो बार और रेस्टोरेंटों पर छापेमारी नहीं करने के लिए उनसे ९ लाख रुपए की वसूली की। उन्होंने दावा किया था कि ये घटनाएं जनवरी २०२० और मार्च २०२१ के बीच हुई थीं।
अग्रवाल की शिकायत के बाद कुल ६ आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा ३८४ और ३८५ (दोनों जबरन वसूली से संबंधित) और ३४ (समान मंशा) के तहत मामला दर्ज किया गया था। मामले में वझे की गिरफ्तारी के बाद परमबीर को मार्च २०२१ में मुंबई पुलिस आयुक्त पद से हटा दिया गया था। इसी मामले में मुंबई की एस्प्लेनेड कोर्ट ने परमबीर सिंह को भगोड़ा अपराधी घोषित करने से संबंधित मुंबई पुलिस के आवेदन को स्वीकार कर लिया है।

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