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मुंब्रा, केंद्र सरकार द्वारा रेलवे स्टेशनों का कायापलट करने के सभी दावे खोखले साबित हो रहे हैं। मुंब्रा रेलवे स्टेशन पर नागरिक मूलभूत सुविधाओं का भारी अभाव है। चारों तरफ गंदगी का साम्राज्य है। ४० साल पुरानी इस इमारत में टिकट देनेवाले कर्मचारी तथा अधिकारी अपनी जान जोखिम में डालकर यहां काम करने को मजबूर हैं। रेलवे अधिकारी प्रशांत पुरोहित ने तीन महीने बाद इमारत की मरम्मत का कार्य शुरू करने का आश्वासन दिया है।
बता दें कि मुंब्रा स्टेशन की जिस इमारत में बैठकर कर्मचारी तथा अधिकारी काम कर रहे हैं, उसका निर्माण ४० साल पूर्व हुआ था। इसी इमारत में एक आरक्षण केंद्र तथा ४ लोकल टिकट की खिड़कियां है। आरक्षण केंद्र में कार्यरत एक कर्मचारी ने बताया कि कुछ माह पूर्व एक बड़ा प्लास्टर नीचे गिर गया था। संयोग से उस समय वहां कोई मौजूद नहीं था, वरना उसकी जान तक जा सकती थी। कई जगह से छत से प्लास्टर टूटकर गिर रहे हैं, जिससे कभी भी दुर्घटना हो सकती है। सभी स्टेशनों को स्वच्छ रखने की मुहिम चलाई जा रही है, पर मुंब्रा स्टेशन पर जगह-जगह गंदगी का साम्राज्य स्थापित हो चुका है। स्टेशन के अधिकारियों का कहना है कि इमारत के संबंध में ‘आईओडब्ल्यू’ को कई शिकायतें भेजी जा चुकी हैं। इस संबंध में इस संवाददाता ने ‘एलओडब्ल्यू’ प्रशांत पुरोहित से बात की तो उन्होंने बताया कि इमारत के मरम्मत की अनुमति मिल चुकी है। निविदा जारी की जानी अभी बाकी है। तीन महीने बाद इमारत के मरम्मत का कार्य शुरू कर दिया जाएगा। जिन जगहों पर गंदगी है, उसको दो-चार दिन के अंदर साफ करने का काम पूरा कर दिया जाएगा।


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