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मुंबई, वैसे तो देश के उन सभी राज्यों में केंद्रीय और राज्य सरकार की एजेंसियों के बीच टकराव चल रहा है, जहां भाजपा विरोधी पार्टी की सरकार है। महाराष्ट्र से लेकर पश्चिम बंगाल, झारखंड, दिल्ली आदि हर राज्य में किसी न किसी तरह का टकराव है। लेकिन महाराष्ट्र का किस्सा इन सबमें खास है। महाराष्ट्र में भाजपा की सबसे पुरानी सहयोगी शिव सेना इस भाजपा की चिर प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के साथ मिल कर सरकार चला रही है, जिसमें मध्यमार्गी शरद पवार की एनसीपी भी शामिल है। ऐसा लग रहा है कि भाजपा को यह हजम नहीं हो रहा है तभी केंद्रीय एजेंसियां एक के बाद एक छापे मार रही है। शिव सेना के आधा दर्जन सांसद और राज्य सरकार के मंत्री आय कर विभाग, सीबीआई और ईडी की जांच झेल रही हैं। इसी ओर इशारा करते हुए शिव सेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने पार्टी की विजयादशमी रैली में कहा कि भाजपा प्रेमिका के चेहरे पर तेजाब फेंकने वाले निराश प्रेमी की तरह बरताव कर रही है।  
महाराष्ट्र में केंद्र और राज्य सरकार की एजेंसियों के टकराव धीरे धीरे बढ़ रही है। पिछले दिनों राज्य की पुलिस ने सीबीआई के निदेशक सुबोध जायसवाल को नोटिस जारी किया और राज्य में भाजपा की पिछली सरकार के समय हुई फोन टेपिंग के मामले में पूछताछ के लिए बुलाया। गौरतलब है कि सुबोध जायसवाल महाराष्ट्र के पुलिस प्रमुख रहे हैं। फोन टेपिंग मामले में राज्य पुलिस की अधिकारी रश्मि शुक्ला पर सवाल उठे हैं और उनको भी समन जारी किया गया है। सो, इधर राज्य की पुलिस ने सीबीआई निदेशक को समन भेजा और उधर राज्य  सरकार के गृह मंत्री रहे अनिल देशमुख के खिलाफ लगे उगाही के मामले की जांच कर रही सीबीआई ने महाराष्ट्र के मुख्य सचिव और राज्य के पुलिस प्रमुख दोनों को समन जारी कर दिया। सीबीआई ने दोनों को पूछताछ के लिए बुलाया है। सोचें, जैसे को तैसा की यह राजनीति पुलिस और प्रशासन को कहां ले जाएगी?


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