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मुंबई, ऐसा लगता है कि अब महाराष्ट्र कांग्रेस में भी कलह शुरू हो गया है। दरअसल पार्टी ने कैलाश कदम को पिंपरी-चिंचवाड यूनिट का अध्यक्ष बनाया है। लेकिन कैलाश कदम को यह अहम जिम्मेदारी सौंपना पार्टी के कुछ नेताओं को रास नहीं आया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक कांग्रेस के कुछ नेता कैलाश कदम को इस जिम्मेदारी से नवाजे जाने का विरोध कर रहे हैं। विरोध करने वाले नेताओं का मानना है कि कैलाश कदम की छवि दागी नेता की है और उनके क्रिमिनल बैकग्राउंड वाले इस छवि की वजह से संगठन की छवि को नुकसान पहुंचेगा। इस बारे में पार्टी नेताओें ने शीर्ष नेतृत्व को भी अवगत कराया है। बता दें कि पुणे में कैलाश कदम के खिलाफ कई आपराधिक केस अभी पेंडिंग हैं।
कैलाश कदम पर हत्या, हत्या की कोशिश और रंगदारी मांगने के मामले में पहले केस दर्ज हो चुका है। एक बार तो कुछ समय के लिए उन्हें पिंपरी-चिंचवाड से बाहर तक कर दिया गया था। सूत्रों के मुताबिक कैलाश कदम का चयन राहुल गांधी की टीम ने किया है। यह टीम इस इलाके में एक आक्रमक और उग्र चेहरे की तलाश कर रही थी जो विरोधियों को करारा जवाब दे सके। टीम की यह तलाश कैलाश कदम पर जाकर खत्म हुई थी।
कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव पृथ्वीराज साठे ने कहा, 'कदम पर कई आपराधिक केसों से विमुक्त हो चुके हैं। उनपर ज्यादातर केस राजनीति से प्रेरित थे।' साठे ने कहा कि कांग्रेस नेतृत्व ने कैलाश कदम का चुनाव काफी सोच-समझ कर उनकी पार्टी में उनकी वरिष्ठता को ध्यान में रखकर किया है। उन्होंने कहा, 'पिंपरी-चिंचवाड में हम खराब स्थिति में हैं और हमें यहां एक मजबूत नेता की जरुरत है। कैलाश कदम यहां की स्थानीय ईकाई का नेतृत्व करने के लिए बिल्कुल सही हैं।

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