आधे घंटे में नेरुल से भाऊचा धक्का का सफर
मुंबई, महाराष्ट्र सरकार ने केंद्र सरकार की जल परिवहन विकास नीति के तहत मुंबई के पूर्वी तट पर जल परिवहन की योजना और कार्यान्वयन के लिए महाराष्ट्र मैरीटाइम बोर्ड की नियुक्ति की है। इसके तहत मुंबई में भाऊचा धक्का, नई मुंबई का नेरुल और अलीबाग के पास मांडवा को क्रमश: मुंबई पोर्ट ट्रस्ट, सिडको और महाराष्ट्र मैरीटाइम बोर्ड द्वारा विकसित किया जा रहा है। इसके अनुसार सिडको द्वारा नेरुल में जल परिवहन टर्मिनल विकसित किया जा रहा है। जलमार्ग टर्मिनल एनआरआई कॉम्प्लेक्स के पूर्व में, नेरुल-उरण रेलवे लाइन के पश्चिम में है जिसे पाम बीच मार्ग से कनेक्टिविटी से जुड़ा हुआ है। नेरुल पैसेंजर वाटर ट्रांसपोर्ट टर्मिनल का काम जल्द ही पूरा कर लिया जाएगा, जिसके बाद स्पीड बोट/कटमरैन सेवा का परिचलन महाराष्ट्र मैरीटाइम बोर्ड द्वारा किया जाएगा। फिलहाल जल परिवहन टर्मिनल का निर्माण पनवेल खाड़ी में पाइल्ड प्लेटफॉर्म पर किया जाना प्रस्तावित है। एप्रोच रोड, एप्रोच जेट्टी, टर्निंग प्लेटफॉर्म, फ्लोटिंग पोंटून, लिंक स्पैन, ब्राइडिंग डॉल वाटर टैंक, अपशिष्ट जल उपचार संयंत्र, नेविगेशन क्षेत्रों, मार्शलिंग क्षेत्रों आदि पाइल्ड प्लेटफॉर्म पर सुविधाएं विकसित की जाएंगी। टर्मिनल में प्रतीक्षालय, जलपान क्षेत्र, रसोई और भोजन काउंटर, टिकट काउंटर, सामान जांच क्षेत्र, शौचालय, बहुउद्देश्यीय हॉल, फूड कोर्ट आदि सुविधाएं भी शामिल हैं। नेरुल जल परिवहन टर्मिनल से बोट सेवा की शुरुआत होने पर यात्रियों के पास पर्यावरण के अनुकूल यात्रा के साथ-साथ सुंदर समुद्री क्षेत्र का सफर करने का अवसर मिलेगा। नेरुल से भाऊचा धक्का तक यह ११ समुद्री मील का अंतर स्पीड बोट और कटमरैन द्वारा केवल ३० से ४५ मिनट में तय की जाएगी। इसके अलावा नई मुंबई, दक्षिण मुंबई और आगे अलीबाग की यात्रा में यात्रियों की समय की बचत होगी। जल परिवहन मौजूदा सड़कों और रेलवे पर यात्रियों की संख्या को कम करने में भी मदद करेगा। नेरुल में होनेवाले यात्री शिपिंग टर्मिनल का सिडको के उपाध्यक्ष तथा व्यवस्थापकीय संचालक डॉ. संजय मुखर्जी द्वारा निरीक्षण किया गया। इस दौरान उन्होंने परियोजना से संबंधित कार्यों की समीक्षा की और संबंधित अधिकारियों से परियोजना में आनेवाली कठिनाइयों के संबंध में चर्चा की।