जावेद अख्तर को कारण बताओ नोटिस
ठाणे, लोकप्रिय गीतों के साथ-साथ अपने बेबाक बयानों के लिए जाने, जानेवाले जावेद अख्तर अपने एक बयान के कारण मुश्किलों में घिरते नजर आ रहे हैं। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की तुलना तालिबान से करने के मामले में ठाणे की एक अदालत ने बॉलीवुड के जाने-माने गीतकार जावेद अख्तर को मानहानि के मुकदमे पर कारण बताओ नोटिस जारी करने का आदेश दिया।
बता दें कि ७६ वर्षीय कवि, गीतकार, पटकथा लेखक ने एक समाचार चैनल से बातचीत करते हुए आरएसएस का नाम लिए बिना कहा था, ‘तालिबान एक इस्लामी देश चाहता है। ये लोग हिंदू राष्ट्र बनाना चाहते हैं।’ अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट और संयुक्त दीवानी न्यायाधीश (सीनियर डिविजन) की अदालत में आरएसएस कार्यकर्ता विवेक चंपानेरकर ने मुकदमा दायर कर अख्तर से मुआवजे के रूप में सिर्फ एक रुपए की मांग की है। अदालत ने नोटिस जारी करने का आदेश दिया, जिसका १२ नवंबर तक जवाब मांगा गया है।
गौरतलब हो कि इससे पहले आरएसएस के खिलाफ टिप्पणी को लेकर जावेद अख्तर को एक वकील ने लीगल नोटिस भेजा था और उन्हें माफी मांगने को कहा गया था। वकील संतोष दुबे ने यह भी कहा था कि अगर जावेद अख्तर ‘बिना शर्त लिखित माफी’ देने और नोटिस मिलने के सात दिनों के भीतर अपने सभी बयान वापस लेने में विफल रहते हैं तो वह अख्तर से १०० करोड़ रुपए के हर्जाने की मांग करते हुए एक आपराधिक मामला दर्ज करेंगे। वकील की नोटिस में दावा किया गया था कि इस तरह के बयान देकर जावेद अख्तर ने भारतीय दंड संहिता की धारा ४९९ (मानहानि) और ५०० (मानहानि की सजा) के तहत अपराध किया है।