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मुंबई. खबरें आई थी कि फिल्म अभिनेता सोनू सूद के ठिकानों पर आयकर विभाग ने छापामार कार्रवाई की है. इसे लेकर शिवसेना ने केंद्र में भारतीय जनता पार्टी सरकार पर निशाना साधा है. पार्टी के मुखपत्र ‘सामना’ में प्रकाशित संपादकीय के जरिए शिवसेना ने ‘खुन्नस निकालने’ वाली बात बताया है. इसके अलावा पार्टी ने अभिनेता पर हुई कार्रवाई की आड़ में महाराष्ट्र के मंत्रियों के खिलाफ जारी जांच एजेंसियों की कार्रवाई पर भी सवाल उठाए हैं.
शिवसेना ने आरोप लगाया है कि सूद के विपक्षी दलों की सरकार के साथ जुड़ने के कारण ये कार्रवाई हुई. संपादकीय के अनुसार, ‘…सोनू सूद को कंधे पर बैठानेवालों में भाजपा आगे थी. सोनू सूद अपना ही आदमी है, ऐसा उनकी ओर से बार-बार याद दिलाया जा रहा था. परंतु इस सोनू महाशय द्वारा दिल्ली में केजरीवाल सरकार के शैक्षणिक कार्यक्रम के ‘ब्रांड अंबेसडर’ की हैसियत से सामाजिक कार्य करने का निर्णय लेते ही उस पर आयकर विभाग के छापे पड़ गए.’
इस दौरान शिवसेना ने महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख के अलावा अनिल परब, प्रताप सरनाईक जैसे नेताओं के खिलाफ हुई कार्रवाई का मुद्दा भी उठाया. पार्टी ने लिखा, ‘जिनका भाजपा से ताल्लुक नहीं है, ऐसे लोगों का जांच एजेंसियों द्वारा इंतजाम करने की एक नीति तय हो गई है. इससे महाराष्ट्र के महाविकास आघाड़ी के मंत्री भी छूटे नहीं हैं. इसी तरह सोनू सूद जैसे कलाकार व सामाजिक कार्य करनेवाले भी बचे नहीं हैं. केंद्रीय जांच एजेंसियों के भूत से पिछले कुछ महीनों में कई लोग प्रताड़ित हुए हैं. महाराष्ट्र के मंत्री अनिल देशमुख, अनिल परब, विधायक प्रताप सरनाईक को इन जांच एजेंसियों के जाल में फंसाने की साजिश है.’
शिवसेना ने महाराष्ट्र के अलावा अन्य राज्यों में सरकार के सदस्यों पर हुई कार्रवाई का भी जिक्र किया है. पार्टी ने कहा है ‘ राज्य सरकार को बदनाम करना, भाजपाई सरकार के लिए किसी भी तरह से संभव नहीं हुआ तो तुम्हारी सरकार को काम नहीं करने देंगे, ऐसी दुर्भाग्यपूर्ण हरकत बदले की भावना से की जा रही है.’ पार्टी ने लेख में पश्चिम बंगाल, केरल और तमिलनाडु के मामलों का भी जिक्र किया है.

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