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मुंबई, कोरोना काल में लॉकडाउन के दौरान जहां लोगों का रोजगार बुरी तरह प्रभावित हुआ है, वहीं कुछ लोग नाबालिग बच्चियों से जबरन जिस्मफरोशी कराकर मोटी कमाई कर रहे थे। ऐसे ही एक गिरोह का पर्दाफाश मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच यूनिट-१२ ने किया है। यूनिट-१२ की टीम ने एक बड़े होटल में आए एक दलाल को गिरफ्तार कर उसके चुंगल से दो नाबालिग बच्चियों को मुक्त कराया है। पुलिस द्वारा भेजे गए फर्जी ग्राहक के साथ दलाल ने पांच-पांच लाख रुपए में बच्चियों का सौदा किया था।
बता दें कि यूनिट-१२ के अधिकारियों को पश्चिमी उपनगर में नाबालिग बच्चियों से जिस्मफरोशी करानेवाले गिरोह की सूचना मिली थी। डीसीपी दत्ता नलावड़े व वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक महेश तावडे के मार्गदर्शन तथा पीआई विलास भोसले के नेतृत्व में एपीआई सचिन गवस और अतुल डहाके की टीम ने मामले की छानबीन की और एक दलाल से फर्जी ग्राहक के जरिए संपर्क किया, जिससे दलाल पुलिस के जाल में फंस गया।
दलाल ने ‘ग्राहक’ को उसके मोबाइल फोन पर लड़कियों की तस्वीर दिखाई और उसमें से दो लड़कियों का सौदा दस लाख रुपए में तय हुआ। दलाल ने कथित ग्राहक को बोरीवली-पूर्व स्थित राजूस किचन, बस डिपो के पास बुलाया। तय समय पर यूनिट-१२ की टीम ने वहां जाल बिछाया और अपने ग्राहक द्वारा मिले सिग्नल के आधार पर छापा मार कर मीरा रोड-पूर्व में रहनेवाले दलाल को दबोच लिया।
पुलिस ने दो लड़कियों को मुक्त कराया, जिसमें एक लड़की मुंबई की और दूसरी यूपी की रहनेवाली है। बताया जा रहा है कि गिरफ्तार दलाल कई अन्य ग्राहकों के साथ मिलकर जिस्मफरोशी का रैकेट चलाता था। अपने ग्राहकों की मांग के अनुसार दलाल लड़कियों की अदला-बदली करते थे। बच्चियों की जिस्मफरोशी से मिले पैसे का बड़ा हिस्सा दलाल खुद हजम कर जाते थे। दलाल लड़कियों को जाल में केसे फंसाते थे और ग्राहक केसे ढूंढते थे? पुलिस अब इसकी जांच कर रही है।



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