परियोजनाओं की गति धीमी
मुंबई, डेढ़ साल में महामारी के दौरान लोकल ट्रेनों में भले ही पहले
जैसी भीड़ फिलहाल दिखाई नहीं दे रही हो, लेकिन ये स्थिति स्थाई नहीं है।
मुंबई के मौजूदा उपनगरीय रेल नेटवर्क का विस्तार होना है। विरार से डहाणू
के बीच दो और ट्रैक, मध्य रेलवे पर पांचवीं और छठी लाइन, पनवेल-कर्जत और
बेलापुर-उरण के बीच नए कॉरिडोर, एरोली कलवा रेल लिंक ये सभी परियोजनाएं
भविष्य में मुंबई लोकल को स्पीड का ‘डबल’ डोज देंगी और मुंबईकरों की राह
आसान बनाएंगी। हालांकि इन परियोजनाओं की गति ‘स्लो’ है।
डहाणू से विरार
के बीच लोकल ट्रेनों में होनेवाली भीड़ के दृष्टिकोण से ये काफी महत्वपूर्ण
माने जानेवाला ये प्रॉजेक्ट साल २०१६ में मंजूर हुआ था। इसके लिए ३,५००
करोड़ रुपए बजट मंजूर किया गया था। ये परियोजना मार्च २०२२ तक पूरी होनी
अपेक्षित थी। पिछले ६ सालों में परियोजना के कुल कामों का महज १० फीसदी काम
पूरा होने की जानकारी मुंबई रेल विकास निगम के अधिकारी ने दी है। परियोजना
के अंतर्गत इन मार्गों पर ८६ छोटे बड़े पुल तैयार किए जाएंगे। इस प्रोजेक्ट
के लिए अभी भूमि अधिग्रहण का काम पूरा नहीं हो पाया है। कुल भूमि अधिग्रहण
का महज ३९ फीसदी जमीन ही अधिग्रहित की गई है।
नई मुंबई ट्रांस-हार्बर
लाइन को कलवा में मेन लाइन से जोड़ने की योजना है। इस योजना के समय पर पूरा न
होने के पीछे की वजह अतिक्रमण है। दीघा में नए रेलवे स्टेशन के निर्माण
सहित जहां भी जमीन उपलब्ध है, वहां काम हो रहा है। इस परियोजना के अंतर्गत
लगभग १,०६७ परियोजना प्रभावित परिवार हैं। इनके पुनर्वसन का काम एमएमआरडीए
द्वारा किया जा रहा है। एलिवेटेड लिंक वाशी-बेलापुर व कल्याण के बीच सीधे
ट्रेनों को कनेक्ट करेगा। दीघा स्टेशन के बाद यह लाइन एलिवेटेड सेक्शन पर
चलेगी और कलवा के कुछ हिस्सों से होकर गुजरेगी। इस परियोजना से ठाणे स्टेशन
पर भीड़भाड़ कम होगी और ठाणे, कल्याण और नई मुंबई में उपनगरों के बीच सीधे
कनेक्टिविटी मिलने की उम्मीद है।
कोरोना की दूसरी लहर के बाद नए कुर्ला
एलिवेटेड स्टेशन पर काम तेज हो गया है। नई बात यह है कि इसका लगभग ४०
प्रतिशत काम पूरा हो गया है। अगले दो वर्षों में इस स्टेशन के आकार लेने की
उम्मीद है। नवंबर २०२१ में मौजूदा हार्बर लाइन के ५०० मीटर के हिस्से को
फिर से संरेखित किया जाएगा और काम को सुविधाजनक बनाने के लिए जमीन सौंप दी
जाएगी।
मध्य रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी ने कहा, ‘यह कुर्ला-परेल
५वीं और ६ठी लाइन के निर्माण की सुविधा के लिए एक महत्वाकांक्षी परियोजना
है और इस स्टेशन के होने से कुर्ला स्टेशन पर दो मौजूदा लाइनों को ५वीं और
६ठी लाइनों के रूप में इस्तेमाल करने के लिए मुक्त किया जाएगा।’ कुर्ला में
एलिवेटेड स्टेशन में तीन लाइनें होंगी– एक सीएसएमटी जानेवाली ट्रेनों के
लिए, दूसरी मानखुर्द और नई मुंबई जानेवाली ट्रेनों के लिए और कुर्ला में
समाप्त होनेवाली ट्रेनों के लिए डेड-एंड के साथ एक सेंट्रल डबल डिस्चार्ज
प्लेटफॉर्म होगा। परेल उपनगरीय टर्मिनस स्टेशन के जैसा तीसरी लूप लाइन का
लेआउट होगा। ऐसी जानकारी मध्य रेलवे के एक अधिकारी ने दी। कुर्ला एलिवेटेड
स्टेशन के निर्माण कार्य की अनुमति लागत १२५ करोड़ रुपए है।