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मुंबई, जलजीवन मिशन के तहत वर्ष २०२४ तक राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में १ करोड़ ४२ लाख ३६ हजार पाइप कनेक्शन उपलब्ध कराने का लक्ष्य है। हालांकि यह लक्ष्य बड़ा है लेकिन यह पुण्य का काम है और हमें करना ही है। सभी एजेंसियां २०२४ तक पानी की पाइप जोड़ने के इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए समयबद्ध कार्यक्रम बनाएं और इस पर युद्ध स्तर पर अमल करें। यह निर्देश मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कल संबंधित अधिकारियों को दिया।
मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की अध्यक्षता में कल हुई बैठक में जलजीवन मिशन योजना और क्रियान्वयन की समीक्षा की गई। मुख्यमंत्री ने कहा कि जलजीवन मिशन के तहत राज्य में नल जोड़ने के उद्देश्यों को पूरा करने के लिए धनराशि उपलब्ध कराई जाएगी। धन की कोई कमी नहीं पड़ने दी जाएगी। जलजीवन मिशन के कार्य में तेजी लाने के लिए जलापूर्ति विभाग के अंतर्गत रिक्त पदों को अस्थाई आधार पर बाहरी इंजीनियरों द्वारा भरा जाना चाहिए। मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव को निर्देश दिया है कि जलजीवन मिशन के तहत सभी संभागायुक्त, कलेक्टर और जिला परिषदों के मुख्य कार्यकारी अधिकारी नियमित रूप से कार्यों की समीक्षा करें।
जलापूर्ति एवं स्वच्छता मंत्री गुलाबराव पाटील ने बताया कि जलजीवन मिशन के तहत २४ हजार ९४९ करोड़ रुपए की लागत से वर्ष २०२४ तक ३८,६५३ योजनाओं को पूरा करने का लक्ष्य है। मुख्यमंत्री के सरकारी आवास ‘वर्षा’ बंगले में हुई इस बैठक में मुख्य सचिव सीताराम कुंटे, नियोजन विभाग के अपर मुख्य सचिव देबाशीष चक्रवर्ती सहित संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि रत्नागिरी जिले में बेमौसम बारिश से आम उत्पादक मुश्किलों में आ गए हैं। उनकी समस्याओं के समाधान के लिए सकारात्मक रास्ता निकाला जाएगा और आम उत्पादकों को राहत दी जाएगी। आम उत्पादकों की समस्याओं को लेकर मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में वर्षा स्थित समिति कक्ष में समीक्षा बैठक आयोजित की गई थी। ‌


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