हत्या की गुत्थी सुलझी, आरोपियों की धरपकड़
ठाणे:आभूषण व्यवसायी भरत जैन की हत्या की गुत्थी सुलझ गयी है। पुलिस ने मुख्य आरोपी अतुल मिश्रा और हत्यारे नीलेश भोईर को यूपी से पकड़ा है। दोनों को पुलिस हिरासत में रखा गया है। इससे पहले सुभाष सुर्वे और बलवंत चोलेकर को गिरफ्तार किया गया था। पुलिस ने वैगनआर कार, सवा लाख मूल्य की दो किलो चांदी, एक देशी कट्टा, एक देशी रिवाल्वर, एक जीवित कारतूस जब्त किया है। शहर के मखमली तालाब परिसर के नीलकंठ सोसाइटी में रहने वाला भरत जैन 14 अगस्त की सुबह 10 बजे अपने दुकान पर गया था और फिर वापस नहीं लौटा था। देर रात जब जैन वापस नहीं आया तो घरवाले दुकान पर गए थे और लूट का खुलासा हुआ था। उसके बाद घर वालों ने उसके अपहरण और दुकान में हुई लूट की शिकायत पुलिस में दर्ज की थी।
पुलिस की दो टीम हत्या की गुत्थी सुलझाने और आरोपियों की धरपकड़ में लगी थी। पुलिस ने जैन के घर और चरई के दगडी स्कूल के करीब बी.के.ज्वेलर्स नामक उसकी दुकान के आसपास लगे विभिन्न 16 सीसीटीवी कैमरों के फुटेज की छानबीन कर रही थी। उसी बीच 20 तारीख को जैन के शव को खाड़ी से बरामद किया गया था। पुलिस को फुटेज में एक वैगनआर कार दिखी थी। उसी आधार पर कार चालक सुभाष सुर्वे को नवी मुंबई से और बलवंत चोलेकर को कल्याण से गिरफ्तार किया गया था। दोनों से पूछताछ में मिश्रा और भोईर के जैन की हत्या के बाद यूपी भागने की खबर पुलिस को लगी थी।
पुलिस ने दोनों के फोन को सर्विलांस पर रखा था और उनके उड़ीसा-बिहार के रास्ते यूपी जाने की बात पुख्ता हुई। इसके बाद ठाणे पुलिस की एक टीम यूपी के वाराणसी पहुंची। यूपी पुलिस की मदद से ठाणे पुलिस ने आखिरकार मिश्रा और भोईर को धर दबोचा। अतुल मिश्रा सुरक्षा रक्षक जैन की इमारत में ढाई साल पहले कार्यरत था। उसे जैन की दुकान और उसके कारोबार के बारे में सारी जानकारी थी। अतुल ने ही जैन की हत्या कर उसके दुकान में रखी जूलरी को लूटने योजना बनाई थी। एसीपी वेंकट आंधले ने बताया कि जैन दुकान बंद कर रात को साढ़े दस बजे घर की तरफ जा रहा था। उसी समय मिश्रा और अन्य आरोपियों ने उसे जबरदस्ती कार में बिठा लिए था। कार के भीतर ही उसकी गला दबाकर हत्या कर दी गयी थी और शव को ढाई बजे रात कलवा रेतिबन्दर खाड़ी में फेक दिया गया था। डीसीपी अविनाश अंबुरे और एसीपी वेंकट आंधले के मार्गदर्शन में प्रभारी सीनियर पीआई रविंद्र क्षीरसागर के नेतृत्व में पीआई अविनाश सोंडकर, एपीआई नीलेश मोरे की टीम मामले की गुत्थी सुलझाकर आरोपियों को पकड़ने में मुख्य भूमिका निभाई।