आरोपियों को ३६ घंटे में पुलिस की ‘स्पेशल ९०’ की टीम ने किया गिरफ्तार
वसई, नालासोपारा में साक्षी ज्वेलर्स मालिक की हत्या और लूट की वारदात को अंजाम देनेवाले आरोपियों को ३६ घंटे में पुलिस की ‘स्पेशल ९०’ की टीम ने गिरफ्तार किया है। स्पेशल ९० में २० ऑफिसर ७० कर्मचारियों ने हत्यारे को पकड़ने के लिए ‘नालासोपारा टू मुंबई’ सेंटर रेलवे स्टेशन व ‘ताड़देव टू मलबार’ हिल तक करीब ७०० वैâमरे की जांच की। इस हत्या में पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि नालासोपारा (पश्चिम) के साक्षी ज्वेलर्स मालिक किशोर जैन की शनिवार सुबह चाकू, वैंâची व अन्य धारदार हथियार से निर्मम हत्या कर दी गई थी। लुटेरे-हत्यारे हत्या करने के बाद ज्वेलरी शॉप से सवा दो किलो चांदी लूटकर फरार हो गए थे। हत्यारों को पकड़ने के लिए मीरा-भायंदर वसई-विरार आयुक्तालय के करीब २० ऑफिसर व ७० कर्मचारियों की ‘स्पेशल ९०’ टीम बनाई गई थी। ‘स्पेशल ९०’ की १० टुकड़ी अलग-अलग स्थानों पर हत्यारों की जांच कर रही थी। स्पेशल ९० की टीम को मिले सीसीटीवी फुटेज के आधार पर पता चला कि हत्यारे जैन की हत्या करने के बाद नालासोपारा स्टेशन से ट्रेन द्वारा मुंबई की तरफ फरार हो गए। ‘स्पेशल ९०’ टीम ने नालासोपारा से मुंबई सेंट्रल स्टेशन तक लगाए गए सभी सीसीटीवी फुटेज की जांच में जुट गई। फुटेज जांच में पता चला कि दोनों हत्यारे मुंबई सेंट्रल स्टेशन पर उतरे। इसके बाद हत्यारों ने ताड़देव बस डिपो से मलबार हिल की बस पकड़ी। मलबार हिल में एक टिफिन सर्विस वाले से टिफिन लेकर अपने एक साथी के घर चले गए, जहां दोनों आरोपियों ने चिकन करी खाई। जब ‘स्पेशल ९०’ टीम उसके ठिकाने पहुंची, उससे पहले ही आरोपी वहां से फरार होकर नालासोपारा आ गए। हालांकि, इस दौरान पुलिस आरोपियों की पहचान कर कर चुकी थी। ‘स्पेशल ९०’ की एक टुकड़ी ने नालासोपारा के प्रगति नगर इलाके से दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।
क्राइम ब्रांच डीसीपी डॉ. महेश पाटील ने बताया कि किशोर जैन की हत्या, लूट की वारदात के कारण हुई है। लुटेरे हत्या को अंजाम देने के बाद सवा दो किलो चांदी लेकर फरार हो गए थे। हत्यारों में एक आरोपी पर बांद्रा और जुहू पुलिस थाने में लूट का मामला दर्ज है। आरोपी वर्ष २०१८ में जेल से बाहर आया था। कोरोनाकाल में कामकाज नहीं होने के कारण दोनों ने लूट का प्लान बनाया था। इस लूट की वारदात को अंजाम देने के लिए आठ दिन की रेकी की गई थी। दोनों आरोपी १५ साल से मित्र हैं और इलेक्ट्रिक का काम करते हैं। तालाबंदी में काम बंद होने के कारण उन्होंने लूट और हत्या की वारदात को अंजाम दिया है।