संकट को मात देने की हिम्मत महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने दिखाई - शरद पवार
मुंबई, पिछले कुछ दिनों से महाराष्ट्र पर सतत कुछ न कुछ संकट आ रहा है। बाढ़ का एक बड़ा संकट आया, हजारों घर गिर गए, कितने बह गए, हालात बद से बदतर हो गई। लेकिन एक बात अच्छी हुई कि इस संकट को मात देने की हिम्मत महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने दिखाई और उन्होंने पुनर्विकास का काम शुरू किया। इन शब्दों में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की सार्वजनिक तौर पर प्रशंसा की। बीबीडी चॉल पुनर्विकास परियोजना के भूमिपूजन समारोह में शरद पवार ने उक्त बात कही।
शरद पवार ने अपने संबोधन में कहा कि एक तरफ इस बाढ़ प्रभावित इलाके में जहां घर बनाने की चुनौती है तो वहीं दूसरी ओर सभी मेहनतकशों के लिए आवास की समस्या के समाधान के लिए आज एक बड़ा कदम उठाया जा रहा है। यह एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक कदम है। इस पूरे क्षेत्र के इतिहास को हाल ही में एक किताब के जरिए प्रकाशित किया गया है। उन्होंने कहा कि बीडीडी चॉल और इन सभी क्षेत्रों ने एक मायने में देश में इतिहास रचा है। इस स्थान पर डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर का निवास था, जिन्होंने इस देश के हर आदमी को वोट देने का अधिकार दिया। उन्हें आज भी इस जगह स्मरण कर रहा हूं। प्रबोधनकर ठाकरे, जो परिवर्तन आंदोलन में बहुत ही महत्वपूर्ण मार्गदर्शक थे, एक समय में इस क्षेत्र में रहते थे। अण्णाभाऊ साठे भी इसी क्षेत्र में रहते थे। कामरेड श्रीपाद अमृत डांगे भी इस क्षेत्र में थे और आचार्य अत्रे, जो महाराष्ट्र के निर्माण के लिए काम कर रहे थे, वे भी इसी परिसर में रहते थे, ऐसा शरद पवार ने कहा।
२०-३० मंजिली इमारतें खड़ी रहेंगी, लेकिन किसी मेहनतकश को उनके बीच से न जाने दें, साथ ही यह पूरा क्षेत्र महाराष्ट्र की एकता और सांस्कृतिक छाप दर्शाएगा। कोकण के लोग इस जगह पर रहते हैं, इस स्थान पर घाट के लोग भी रहते हैं। आज इस क्षेत्र में घाट और घाटों के लोगों को जोड़ने का काम इस परिसर में हो रहा है। इसका मुझे आनंद है। इन चॉलों में कुछ परिवर्तन होना चाहिए, अधिक सुविधाएं दी जानी चाहिए, मालिकाना अधिकार मिलना चाहिए। इन सभी मांगों पर मुख्यमंत्री और गृह निर्माण मंत्री जितेंद्र आव्हाड ने उनके साथ खड़े होने की भूमिका निभाई। यह चॉल आज न कल जाएगी, इस स्थान पर बड़ी इमारत बनेगी। मेरा एक ही अनुरोध है कि मेहनतकशों को जाने मत दो, ऐसा शरद पवार ने इस मौके पर कहा।