वसई में खुला पहला किन्नर स्कूल
वसई, एक कहावत है कि ‘खेलोगे-वूâदोगे होगे खराब, पढ़ोगे-लिखोगे बनोगे नवाब…!’ अभी तक शिक्षा के क्षेत्र में पिछड़े किन्नर समुदाय ने भी पढ़-लिखकर ‘नवाब’ बनने की ठान ली है। वसई में पूर्ण रूप से किन्नरों के लिए समर्पित एक स्वूâल शुरू किया गया है। यहां शिक्षक व विद्यार्थी दोनों ही किन्नर हैं, ऐसे में उन्हें किसी की हिकारत भरी नजरों के सामने से गुजरना नहीं पड़ेगा और निश्चिंत होकर शिक्षा प्राप्त कर पाएंगे।
गौरतलब है कि किन्नर एक ऐसा समाज है, जो अभी तक अपने वजूद के लिए जद्दोजहद कर रहा है। लगातार कोशिशों के बावजूद अभी भी किन्नर समाज के लोगों को अपना हक नहीं मिल पा रहा है। उन्हें हर जगह भेदभाव का सामना करना पड़ता है। समाज में उनके साथ सामान्य व्यक्ति जैसा बर्ताव नहीं किया जाता है। उनका स्कूल में दाखिला तक नहीं हो पाता है। अगर किसी तरह से दाखिला हो भी जाता है, तो उन्हें अलग तरह की प्रताड़ना झेलनी पड़ती है। किन्नर समाज के लोग हर क्षेत्र में आगे बढ़ रहे हैं। इस समाज के कितने ही लोग हैं, जिन्होंने कोरोना काल में बिना किसी स्वार्थ के लोगों की मदद की है। अभी भी किन्नर समाज के लोग अपने वजूद के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं।
किन्नर समाज को शिक्षित करने के उद्देश्य से वसई तालुका में पहला किन्नर स्वूâल शुरू किया गया है। यह स्वूâल वसई-पूर्व भोईदापाडा स्थित वीरांगना चॉल में आरंभ किया गया है। किन्नर समाज के खिलाफ फैले भेदभाव को मिटाने के लिए खुद एक तृतीय पंथ ने यह मुहिम शुरू की है। इस अभियान को मेहंदी अली और श्री महाशक्ति चेरिटबल ट्रस्ट की ओर से शुरू किया गया है। इस स्वूâल को किन्नर विद्यालय नाम दिया गया है। इस स्वूâल में अब तक २४ विद्यार्थियों ने एडमिशन लिया है। हालांकि, कोरोना के चलते अभी स्वूâल शुरू नहीं किया गया है मगर जल्द ही यहां पर पढ़ाई शुरू हो जाएगी। इस स्वूâल की सबसे खास बात यह है कि यहां के सारे शिक्षक किन्नर समाज के लोग हैं। स्वूâल के शुरू होने से किन्नर समाज के लोगों को रोजगर भी मिल रहा है। वहीं पूरे राज्य में यह पहला स्वूâल है जहां सिर्फ किन्नर समाज के लोगों को शिक्षा मिलेगी। इस स्वूâल के सारे टीचर किन्नर समाज के हैं और काफी शिक्षित हैं। कुछ टीचर ऐसे भी हैं जिनके साथ बाकी स्वूâलों में काफी भेदभाव किया गया था, लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और अब किन्नर स्वूâल में बाकी किन्नर समाज के लोगों को शिक्षित कर रहे हैं।