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 मुंबई, जल्द ही महाराष्ट्र और देश में गणपति बप्पा का आगमन होने वाला है। महाराष्ट्र में बड़े ही धूमधाम से गणेशोत्सव को मनाया जाता है लेकिन कोरोना महामारी की वजह से गणपति बप्पा के इस पर्व पर भी ग्रहण लग चुका है। पिछली बार भी महामारी की वजह से बड़ी ही सादगी के साथ इस पर्व को जनता ने मनाया था।
इस बार भी महाराष्ट्र सरकार ने गणेश उत्सव के लिए गाइडलाइन जारी की है। इस गाइडलाइन के अनुसार सार्वजनिक गणेश मंडल में बप्पा की मूर्तियों का आकार 4 फुट से ज्यादा नहीं होना चाहिए। वहीं घरों में गणपति बप्पा की जिन मूर्तियों को लाया जाएगा उनकी ऊंचाई 2 फुट से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। हालांकि जनता को उम्मीद थी कि सरकार इस बार कड़े कदम इस पर्व पर लागू नहीं करेगी।
इसके पहले राज्य के मूर्तिकारों ने महाविकास अघाड़ी सरकार से गणेशोत्सव के संदर्भ में जल्द से जल्द दिशा निर्देश जारी करने की मांग की थी। रेशमा खातू ने इस संदर्भ में मूर्तिकारों का पक्ष रखा था। उन्होंने कहा था कि गणेशोत्सव को अब मात्र 2 महीने ही बचे हुए हैं। ऐसे में मूर्तिकार काफी चिंता में है। लिहाजा सरकार को इस बाबत अपने दिशा निर्देश तत्काल जारी करने चाहिए। मूर्तिकारों ने सरकार के इन्हीं दिशानिर्देशों की वजह से अभी तक मूर्तियां बनाने का काम भी शुरू नहीं किया था।
गणेशोत्सव से संबंधित सरकार द्वारा जारी दिशा निर्देश
- गणेश उत्सव के संदर्भ में इजाजत लेना जरूरी
- कोरोना संक्रमण को देखते हुए गणेशोत्सव को सादगी पूर्ण तरीके से मनाया जाए
- सर्वजनिक गणेश मंडल में बप्पा की मूर्तियां 4 फुट और घरों में 2 फुट की होनी चाहिए
- बप्पा का विसर्जन कृत्रिम तालाब में किया जाए, यदि संभव हो तो शाडू की मिट्टी की मूर्ति रखी जाए
- जनता जो दान दें उसे स्वीकार किया जाए
- मंडप में होने वाली भीड़ ना होने दिया जाए
- सांस्कृतिक कार्यक्रमों की जगह स्वास्थ्य से जुड़े जागरूकता वाले कार्यक्रम किये जाए
-आरती, भजन, कीर्तन में होने वाली भीड़ रोकी जाए
-जनता की भीड़ ने बढ़े इसलिए ऑनलाइन दर्शन की सुविधा उपलब्ध हो
- गणपति पंडाल में सैनिटाइज़ेशन और थर्मल स्क्रीनिंग की सुविधा उपलब्ध हो

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