तीसरी लहर : यूनिवर्सल ट्रैवल्स के बिना यात्रा की अनुमति नहीं
मुंबई, कोरोना से बचाव के लिए जारी प्रतिबंधों के बावजूद मौजूदा समय में मध्य रेलवे से प्रतिदिन १८ लाख और पश्चिम रेलवे से ११ से १२ लाख लोग यात्रा कर रहे हैं। इसमें से अधिकांश यात्री लोकल ट्रेनों में फर्जी पहचान पत्र पर यात्रा कर रहे हैं। राज्य सरकार ने इस पर कड़े कदम उठाए हैं। आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की ओर से यूनिवर्सल ट्रैवेल्स पास दिया जाएगा। इसके लिए वेबसाइट पर पंजीकरण कराने के बाद मोबाइल पर क्यूआर कोड आएगा। बिना क्यूआर कोड दिखाए रेलवे पास अथवा टिकट नहीं मिलेगा।
कोरोना की दूसरी लहर में राज्य सरकार ने अप्रैल महीने से केवल अतिआवश्यक सेवा से जुड़े कर्मचारियों को उपनगरीय रेल यात्रा की अनुमति दी है। लोकल ट्रेनों में भीड़भाड़ न हो इसलिए सरकारी कर्मचारियों और स्वास्थ्य कर्मचारियों को ही आने-जाने की सुविधा है। इसके साथ ही कुछ और अतिआवश्यक सेवा से जुड़े कर्मचारियों को इसमें शामिल किया गया। हालांकि कुछ फर्जी पहचान पत्र के आधार पर पास और टिकट लेकर लोग लोकल ट्रेनों में यात्रा कर रहे हैं, जिससे भीड़ बढ़ गई है। फर्जी पहचान पत्रों के आधार पर रेलवे में होनेवाली घूसखोरी को रोकने के लिए यूनिवर्सल ट्रैवेल पास देने का निर्णय राज्य सरकार ने लिया है। यह अधिकार पत्र होने पर ही रेलवे की खिड़कियों पर पास अथवा टिकट मिल सकेंगे।
सुबह-शाम को हर दिन की तरह रेलगाड़ियों में भीड़ होने लगी है। पहचान पत्र के आधार पर अथवा रेलवे को गुमराह करके यात्रा करनेवालों पर संदेह होने की वजह से राज्य सरकार ने सख्त होने का निर्णय लिया है। लोकल ट्रेनों में भीड़ बढ़ने से तीसरी लहर का खतरा बढ़ सकता है। इस लिहाज से राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की ओर से दिए जानेवाले पहचान पत्र के आधार पर ही रेलवे पास देने की योजना राज्य सरकार ने की है।
क्यूआर कोड पहचान पत्र पर रेलवे पहले से ही अमल कर रही है। इससे लोकल ट्रेन में वही यात्रा कर सकता है, जिसे अनुमति है। गैरकानूनी तरीकों से यात्रा करनेवाले लोगों को रोकने के लिए रेलवे ने अलग-अलग जांच मुहिम चला रही है। राज्य सरकार के निर्देशानुसार जिन्हें यात्रा करने की अनुमति होगी, उन्हें ही अनुमति दी जाएगी, ऐसी जानकारी मध्य रेलवे के जनसंपर्वâ अधिकारी शिवाजी सुतार ने दी है।