सड़क में गड्ढे नहीं, बल्कि गड्ढे में सड़क
वसई, कोरोना संकट के बीच मानसून की शुरुआती बारिश से लोगों के सामने तरह-तरह की समस्याएं पैदा हो गई हैं। आमतौर पर बारिश के मौसम में सड़क में गड्ढे हो जाते हैं। पर वसई-विरार का हाल ये है कि यहां पहली बारिश में ही इतने गड्ढे हो गए हैं कि लगता है कि सड़क में गड्ढे नहीं, बल्कि गड्ढे में सड़क है। मामूली बारिश से ही सड़कों पर हुए गड्ढों से नागरिकों की परेशानी बढ़ गई है। गड्ढों से भरी पड़ी सड़कों पर वाहन चलाना तो दूर, पैदल चलना मुश्किल हो गया है। नागरिकों ने मनपा पर लापरवाही का आरोप लगाया है। वहीं मनपा की ओर से शीघ्र ही सड़वेंâ दुरुस्त करने की बात कही गई है।
कोरोना वायरस से जूझ रहे वसई-विरार शहर के नागरिकों के सामने बारिश नई मुसीबत बनकर आई है। रुक-रुक कर हो रही बारिश ने सड़कों पर बड़े-बड़े गड्ढे कर दिए हैं। नागरिकों का कहना है कि मामूली बारिश से यह हाल है, जबकि बरसात अभी बाकी है। यहां हमेशा घटिया सामग्री का इस्तेमाल कर सड़कें बनाई जाती हैं, जो एक-दो महीने में ही टूट जाती है। वसई-विरार शहर मनपा में सड़कें टूटी-फूटी हैं। तुलिंज रोड, मोरेगांव, विजय नगर, संतोष भुवन, बिलालपाडा, धानिवबाग वाकनपाडा, सोपारा फाटा, वसई के नवजीवन, सातीवली, कामण भिवंडी रोड, विरार-पूर्व के भाटपाडा, चंदनसार, कातकारी पाडा, साईनाथ नगर, फुलपाडा, सहकार नगर, मनवेलपाडा, विरार-पश्चिम के बोलिंज, आगासी आदि क्षेत्रों में बारिश से सड़कों पर गड्ढे हो गए हैं। नागरिकों का आरोप है कि वसई-विरार शहर की सड़कों की दुर्दशा सिर्फ बारिश के दौरान ही नहीं, बल्कि ठंड और गर्मी के दिनों में भी बरकरार रहती है। शहर अभियंता राजेंद्र लाड ने बताया कि कोविड-१९ की वजह से सड़कों के मरम्मत कार्य में देरी हुई है। सड़कें जल्द ही दुरुस्त हो जाएंगी।