ऑडियो वायरल होने के बाद बोले अशोक चव्हाण, मैं प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा नहीं दूंगा
मुंबई : महाराष्ट्र कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष सांसद अशोक चौहान और चंद्रपुर के 1 कांग्रेसी कार्यकर्ता के बीच हुई बातचीत का ऑडियो वायरल होने के बाद अशोक चौहान डिफेंसिव मोड में आ गए हैं। ऑडियो में अशोक चौहान कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने की मानसिकता में होने की बात कहते सुनाई दे रहे हैं जब इस बारे में अशोक चव्हाण से बात की तो उन्होंने कहा, 'जो ऑडिओ वायरल हुआ है, वह उनके और कार्यकर्ता के बीच का निजी वार्तालाप है। हमारी भी कोई प्राइवेसी है या नहीं। आजकल रात को तीन-तीन बजे भी फोन बज रहा है। कार्यकर्ता अपनी भावना व्यक्त करने के लिए फोन कर रहे हैं। मैं इस्तीफा नहीं देने जा रहा हूं ना ही मेरा ऐसा कोई मूड है।' हालांकि सांसद अशोक चौहान के इस इस इस ऑडियो के वायरल होने के बाद कांग्रेस में अचानक हड़कंप मच गया था, लेकिन चव्हाण ने पार्टी स्तर पर तत्काल अपनी सफाई दे दी और बाद में महागठबंधन की बैठक में भी हिस्सा लिया।
दरअसल जो ऑडियो क्लिप वायरल हुई उसमें, चंद्रपुर लोकसभा सीट से कांग्रेसी उम्मीदवार विनायक बांगड की उम्मीदवारी को लेकर एक कांग्रेसी कार्यकर्ता अपनी नाराजगी जता रहा था इस कार्यकर्ता को संतुष्ट करने के लिए चव्हाण यह कहते सुनाई दे रहे हैं कि पार्टी में उनकी कोई नहीं सुन रहा है। वे इस्तीफा देने की सोच रहा रहे हैं। चव्हाण उस कार्यकर्ता को सलाह दे रहे हैं कि वह उनसे बात करने के बजाय मुकुल वासनिक से बात करें। चौहान और कांग्रेसी कार्यकर्ता के बीच की ऑडियो क्लिप शनिवार को सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुई।
शनिवार को महागठबंधन के प्रेस कॉन्फ्रेंस में चव्हाण ने पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष होने के नाते अपने कार्यकर्ता का मनोबल बनाए रखना उनकी जिम्मेदारी है। वायरल ऑडिओ क्लिप में क्या है, अभी सुना नहीं है। चव्हाण ने कहा कि आखिर निजता भी कोई चीज होती है। वह दो लोगों की निजी बातचीत है। किसी तरह की निजी बातचीत को सार्वजनिक करना गलत है।
यह है मामला
दरअसल चव्हाण चाहते थे कि औरंगाबाद से पूर्वमंत्री अब्दुल सत्तार और नांदेड से उनकी पत्नी अमिता चव्हाण को लोकसभा का टिकट दिया जाए, लेकिन पार्टी ने औरंगाबाद से सत्तार की जगह सुभाष झांबड को टिकट दे दिया। नांदेड से पार्टी अशोक चव्हाण को ही लड़ाना चाहती है, जबकि चव्हाण राज्य की राजनीति में सक्रिय रहना चाहते हैं।
गुटबाजी चरम पर
मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण से भी अशोक चव्हाण की नहीं जम रही है। सांगली में पूर्व मुख्यमंत्री बसंतदादा पाटील घराने के प्रतीक पाटील और विश्वजीत कदम के बीच अंदरूनी गुटबाजी रोज नई परेशानी का कारण बनता है। विधानसभा में विपक्ष के नेता राधाकृष्ण विखे पाटील के बेटे सुजय विखे पाटील को लोकसभा का टिकट नहीं दिला पाने का गम भी चव्हाण को है। सुजय ने कांग्रेस छोड़ दिया और भाजपा में शामिल हो गए हैं। ऐसे में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष के रूप में सांसद अशोक चव्हाण को रोज कांग्रेस कार्यकर्ताओं को जवाब देना मुश्किल हो रहा है।