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मुंबई, ‘बिकेगा वही उपजेगा’ इस अभियान के अंतर्गत जिस फसल की मांग ज्यादा है, उसकी गुणवत्तापूर्ण खेती की जाए। इस संकल्पना के माध्यम से काम किया जा रहा है। महाराष्ट्र में जिस फसल की खेती की जाए, वह दर्जेदार और गुणवत्ता पूर्ण होनी चाहिए। विभागवार फसलों का वर्गीकरण करके साथ ही आधुनिक तकनीकी और सर्वोत्तम संशोधनों के माध्यम से गुणवत्तापूर्ण फसलों का महाराष्ट्र ब्रांड निर्माण किया जाए। यह आवाहन कल मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने राज्य खरीफ पूर्व मौसम की समीक्षा बैठक में किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों अपने पैरों पर हो सके इसके लिए प्रयास किए जाने चाहिए। कोरोना के कड़े प्रतिबंधों में एक समय रोजी कमजोर हो जाए लेकिन रोटी नहीं रुकेगी। यह रोटी देनेवाले किसानों को बल दिया जाना चाहिए। कोरोना काउंट में कलियों को वर्क प्रâॉम होम की सुविधा है लेकिन किसानों को नहीं। उन्हें खेत में जाना ही पड़ता है। किसानों के कष्ट का सम्मान रखने का काम राज्य सरकार कर रही है। हम किसानों के साथ खड़े रहेंगे ऐसा वचन मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले वर्ष की तुलना में इस बार की संचारबंदी में भी कृषि का काम सर्वोत्तम है। अर्थव्यवस्था को बल देने का काम कृषि क्षेत्र ने किया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मौसम विभाग ने इस बार सामान्य से ज्यादा बारिश होने का अनुमान व्यक्त किया गया है। किसान भाई किसी का अनुमान न लगाते हुए दिन-रात मेहनत करके खेती करता है। कभी उन्हें मौसम का साथ मिलता है तो कभी नहीं। कभी खूब ज्यादा फसल होती है तो उन्हें उपज की वाजिब कीमत नहीं मिलती। किसानों की उपज को वाजिब समर्थन मूल्य दिलाने का हमारा प्रयास जारी है। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की अध्यक्षता में हुई खरीफ मौसम पूर्व राज्य स्तरीय बैठक में उपमुख्यमंत्री अजीत पवार, कृषि मंत्री दादाजी भुसे, उद्योग मंत्री सुभाष देसाई, कृषि राज्यमंत्री डॉ. विश्वजीत कदम सहित संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री अजीत पवार और कृषि मंत्री दादाजी भूसे सहित अन्य मंत्रियों ने अपने विचार व्यक्त किए।


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