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मुंबई : तौकते चक्रवात मुंबई के बेहद करीब से गुजरा और जिस समय वो गुजर रहा था उस समय समुद्र में ऊंची ऊंची लहरे उठ रही थीं। समुद्र में हाईटाइड था और हवा की रफ्तार भी काफी तेज थी। जैसे जैसे समुद्र में लहरे छोटी हुईं और पानी का स्तर कम हुआ, वैसे वैसे समुद्र के किनारों पर कचरे का अंबार दिखना शुरू हो गया। इससे पहले साल 2018 में हाईटाइड के बाद अकेले मरीन ड्राइव पर ही 9 टन कचरा समुद्र से बाहर निकला था। बीएमसी के अधिकारियों का भी यह कहना है कि मुंबई में यह पहली बार नहीं हुआ, जिस तरह मुंबई में जनसंख्या ज्यादा है, वैसे ही लापरवाह लोग भी हैं। जो कचरा सही जगह ना फेंक कर कहीं भी फेंकते हैं, जिसका परिणाम यही होता है कि वो कचरा समुद्र में जाता है और फिर हाईटाइड के समय बाहर आता है। इन्वायरनमेंट एक्टिविस्ट भी कई बार इसका जिक्र करते हैं कि समुद्र के अंदर प्लास्टिक के कचरे का कई टन अम्बार लगा हुआ है, जिसके चलते इसका असर समुद्र के अंदर जीवों पर और पानी के अंदर के पेड़ पौधों पर होता है। सलाह दी जाती है कि लोगों को प्लास्टिक का इस्तेमाल कम करना चाहिए और अगर कोई करता है तो उसे सही जगह यानी कि कचरे के डब्बे में ही डालना चाहिए, ताकि उसकी रिसाइकल की प्रक्रिया कर उसका दोबारा से इस्तेमाल किया जा सके, और वो समुद्र में जाने से बचाया जा सके।


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