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ठाणे : ठाणे मनपा क्षेत्र में लागू संचारबंदी का असर अब धीरे-धीरे दिखाई देने लगा है। दिन-ब-दिन कोरोना मरीजों की संख्या घट रही है, जिससे ठाणे मनपा क्षेत्रों में मौजूद अस्पतालों के बेड खाली होते नजर आ रहे हैं। बुधवार तक कुल ६१ फीसदी बेड रिक्त होने की जानकारी मनपा द्वारा दी गई है। बता दें कि ठाणे में रिकवरी रेट बढ़ने के कारण शहर के कोविड अस्पतालों के करीब ६१ फीसदी बिस्तर अब खाली पड़े हैं। अस्पतालों में इलाज करानेवाले मरीजों का प्रतिशत अब ३९ फीसदी पर आ गया है। इस वजह से अब स्वास्थ्य सुविधा पर पड़ रहा दबाव भी कम होता नजर आ रहा हैं। आंकड़ों पर गौर करें तो मनपा द्वारा संचालित ग्लोबल कोविड सेंटर, पार्किंग प्लाजा कोविड सेंटर और मुंब्रा स्थित कौसा कोविड सेंटर के साथ शहर के विभिन्न निजी अस्पतालों के ६१ फीसदी बेड अब खाली पड़े हैं। वर्तमान समय में ठाणे मनपा क्षेत्र में ५ हजार १५१ सक्रिय कोरोना मरीज हैं, जिनमें से ३ हजार ९२७ मरीजों में किसी भी प्रकार के लक्षण नहीं है अर्थात इन मरीजों का इलाज घर पर ही हो रहा है, वहीं विभिन्न अस्पतालों में इलाज करानेवाले मरीजों की संख्या दो हजार से नीचे आ चुकी है, जिसमें ६१२ मरीज साधरण वार्ड में, ४१३ मरीज ऑक्सीजन पर और १९९ मरीज वेंटिलेटर पर हैं, जिनका इलाज चल रहा है।

मार्च और अप्रैल महीने में प्रतिदिन करीब डेढ़ से दो हजार कोरोना के नए मामले सामने आ रहे थे लेकिन अप्रैल के अंतिम और मई के शुरुआती दो सप्ताह में राज्य सरकार द्वारा लगाई गई संचारबंदी और नियमों का सख्ती से पालन होने के कारण अब कोरोना संक्रमण पर नकेल कसता दिखाई दे रहा है। अब यही आंकड़ा २५० से ५०० तक पहुंच चुका है। यही कारण है एक समय हाउसफुल रहे अस्पतालों के बेड अब खाली हो रहे हैं। टीकाकारण केंद्रों में वरिष्ठ नागरिकों को परेशानी का सामना न करना पड़े इसलिए ठाणे मनपा द्वारा शहर के विवियाना मॉल में बुधवार को बुजुर्गों के लिए ‘ड्राइव इन’ टीकाकारण केंद्र की शुरुआत की गई। कल सुबह १० से दोपहर १ बजे तज यहां पंजीकृत १०० वरिष्ठ नागरिकों को कोरोना वैक्सीन का दूसरा डोज दिया गया। ठाणे मनपा ने रोजाना १०० पंजीकृत वरिष्ठ नागरिकों को वैक्सीन देने का लक्ष्य रखा है।

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