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महाराष्ट्र : केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने गुरुवार को कहा कि केंद्र सरकार ने एंटी वायरल दवा रेमेडिसविर का उत्पादन बढ़ाने का फैसला किया है। इसे लोगों को सरकार द्वारा तय कीमत पर मुहैया कराया जाएगा। आपको बता दें कि COVID-19 की दूसरी लहर के बीच भारत में रेमेडिसवियर की ब्लैक मार्केटिंग के कई मामले सामने आए हैं। कई शहरों में इसके खिलाफ कार्रवाई भी हुई है। गडकरी ने कहा, "रेमेडिसविर इंजेक्शन की कमी थी। इस वजह से कालाबाजारी की घटनाएं हुईं। कई लोगों ने अपनी जान गंवा दी क्योंकि उन्हें रेमेडिसविर नहीं मिला। इसलिए हमने इसका उत्पादन बढ़ाने का फैसला किया है।"

उन्होंने कहा, 'लेकिन हमने कोशिश की (और निर्माण का अधिकार प्राप्त किया), रेमेडीसविर सरकार की कीमत पर लोगों को प्रदान किया जाएगा। अब, मुझे लगता है कि कोई कालाबाजारी नहीं होगी या कोई व्यक्ति इसके अभाव में नहीं मरेगा। स्टॉक अधिक होने पर अन्य राज्यों को भी यह दवाई दी जा सकेगी।' गडकरी ने गुरुवार को वर्धा में जेनेटिक लाइफ साइंसेज (फार्मेसी) का दौरा कर रेमेडिसविर इंजेक्शन के उत्पादन की देखरेख की। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, वर्तमान में देश में 35,66,398 सक्रिय मामले हैं।

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने वर्धा के जेनेटिक लाइफ साइन्सेस के परिसर जाकर उत्पादन का मुआयना किया। अमेरिकी कंपनी गिलायड के पास रेमडेसिविर का पेटंट है, जिसने भारत की सात कंपनियों को लाइसेंस दिया है, जिनमें से एक हेट्रो फार्मा के साथ  गडकरी ने वर्धा की जेनेटिक लाइफ साइन्सेस का करार कराया था। इसके तहत हेट्रो फार्मा वर्धा के जेनेटिक के इस परिसर में आउटसोर्सिंग के माध्यम से रेमडेसिविर का उत्पादन कर रही है। 

इससे पहले वर्धा में इंजेक्शन के उत्पादन से संबंधित सभी प्रकार की टेस्टिंग की गई, जिसके सफल होने के बाद गुरुवार से उत्पादन शुरु हुआ। सूत्रों के अनुसार रविवार तक रेमडेसिविर इंजेक्शन के एक लाख वायल लोगों को मिलेंगे। वर्धा में रोज तीस हजार रेमडेसिविर का उत्पादन होगा और इंजेक्शन कांच की शीशी में पैक किया जा रहा है। सूत्रों के अनुसार अगर प्लास्टिक की बोतल में पैकेजिंग की अनुमति मिली तो उत्पादन रोजाना दो लाख इंजेक्शन तक बढ़ सकता है।


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