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मुंबई: मुम्बई पुलिस इस कोरोना काल की दूसरी लहर में हर तरफ बंदोबस्त में व्यस्त है, तो कहीं कई लोगों की मदद कर फरिस्ते की तरह काम कर रही है. वहीं पुलिस एक ऐसे टास्क पर भी है जिसको पूरा करने के लिए उन्होंने 5 लोगों की एक टीम बनाई है. टास्क है कि एक लापता लड़की को उसकी बूढ़ी मां से सही सलामत मिलवाना. यह मामला इतना गंभीर भी इसलिए है क्योंकि जिस लड़की को चेम्बूर पुलिस ढूंढ रही है वो दिमाग से कमजोर है साथ ही वो ठीक से देख, सुन भी नहीं सकती. वो ठीक तरह से चल भी नहीं पाती. लड़की का नाम आयुषी है जिसकी उम्र महज 26 साल है.

आयुषी की मां गीता मजेठीया ने बताया कि 25 मार्च को वो अपनी बेटी के साथ चेम्बूर के मंदिर गयी थी और वापस आते समय वो लापता हो गयी. जिसके बाद उन्होंने उसकी तलाश हर जगह की पर कहीं पता नहीं लगने पर चेम्बूर पुलिस स्टेशन में मिसिंग की कंप्लेन लिखवाई. चेंबूर पुलिस स्टेशन के सब इंस्पेक्टर अमोल कोलेकर ने बताया कि घटना 25 मार्च की है हमने करीब 500 सीसीटीवी कैमरे की फुटेज की जांच की और पाया कि लड़की ने गलती से एक बस पकड़ ली फिर उसे शाम में कुर्ला स्टेशन के बाहर देखा गया, उस लड़की ने फिर कुर्ला से सीएसटी जाने के लिए शाम 4 बजे के करीब लोकल ट्रेन पकड़ी और सीएसटी स्टेशन पहुंची.

लड़की ने फिर 4 बजकर 35 मिनट की पनवेल की ट्रेन पकड़ी और 5 बजकर 26 मिनट पर जब वो सानपाड़ा स्टेशन पहुंची तो ट्रेन में हंगामा करने लगी. तभी वहां पर उसे एक महिला पुलिस कर्मी ने स्टेशन से बाहर निकालने की कोशिश की पर आयुषी ट्रेन से नहीं उतरी. आयुषी के साथ नेरुल स्टेशन तक वो पुलिस कर्मी थी लेकिन जब ट्रेन पनवेल स्टेशन पहुंची उसी दौरान आयुषी को चक्कर आ गया और ट्रेन के यात्रियों ने फिर एक बार पुलिस को जानकारी दी. कुछ ही समय में पुलिस वाले वहां आये और जब उसे होश आया तो पुलिस ने उसे छोड़ दिया.

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