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मुंबई : टीआरपी घोटाला मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा कि ऐसा लग नहीं रहा कि मुंबई पुलिस के पास रिपब्लिक टीवी के एडिटर-इन-चीफ अर्नब गोस्वामी (अर्णब गोस्वामी) के खिलाफ कोई ठोस सबूत हैं। बंबई उच्च न्यायालय ने गुरुवार को कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि तीन महीने चली जांच के बावजूद मुंबई पुलिस के पास रिकॉर्ड पर ऐसे साक्ष्य नहीं हैं, जिनसे रिपब्लिक टीवी के प्रधान संपादक अर्नब गोस्वामी और एआरजी आउटलायर मीडिया को टीआरपी घोटाला मामले में आरोपी बनाया सके।

न्यायमूर्ति एस एस शिंदे और न्यायमूर्ति मनीष पिताले ने महाराष्ट्र सरकार से यह भी पूछा कि जांच कब खत्म होगी। अदालत ने कहा कि सरकार को तर्कसंगत बात करनी चाहिए और यदि पुलिस को गोस्वामी तथा अन्य के विरुद्ध कोई ठोस साक्ष्य नहीं मिलता है तो इसे स्वीकार करना चाहिए तथा इस संबंध में बयान जारी करना चाहिए। इससे पहले बुधवार को बंबई उच्च न्यायालय ने मुंबई पुलिस से सवाल किया था कि जब पुलिस कथित टीआरपी घोटाले में रिपब्लिक टीवी और उसके प्रधान संपादक अर्णब गोस्वामी के विरूद्ध पर्याप्त सबूत होने का दावा कर चुकी है तो उसने इस मामले में उन्हें बतौर आरोपी नामजद क्यों नहीं किया। 

न्यायमूर्ति एस एस शिंदे और न्यायमूर्ति मनीष पिटाले की पीठ ने विशेष सरकारी वकील शिशिर हिरय को बृहस्पतिवार तक अदालत को यह बताने को कहा था कि पुलिस की गोस्वामी एवं रिपब्लिक टीवी के विरूद्ध कार्यवाही आगे बढ़ाने की योजना है या नहीं। पीठ ने हिरय से अदालत को यह भी बताने को कहा था कि पुलिस को इस मामले में जांच पूरी करने में कितना समय लगने की संभावना है। उच्च न्यायालय ने कहा, 'आप पिछले तीन महीने से जांच कर रहे हैं। दो आरोपपत्र हैं और ऐसा जान पड़ता है कि उनके विरूद्ध सबूत नहीं है। और यह प्राथमिकी अक्टूबर, 2020 की है। हम मार्च, 2021 में हैं।' 

पीठ ने कहा, 'उनके सिर पर तलवार क्यों लटकाकर रखी जाए? आप उन्हें आरोपी नहीं बना रहे हैं,ऐसा क्यों?' पीठ ने गोस्वामी और रिपब्लिक टीवी चलाने वाली कंपनी एआरजी आउटलाइर मीडिया प्राइवेट लिमिटेड के वकील अशोक मुंदारगी की दलीलों के बाद ये टिप्पणियां की। मुंदारगी ने कहा कि पुलिस ने गोस्वामी एवं एआरजी आउटलाइर मीडिया प्राइवेट लिमिटेड के कुछ कर्मियों को संदिग्ध के रूप में नामजद किया है लेकिन उसके पास उन्हें आरोपी के रूप में आरोपित करने के लिए सबूत नहीं है।  हालांकि हिरय ने कहा कि पुलिस के पास पर्याप्त सबूत हैं तथा वह और सबूत इकट्ठा कर रही है। पुलिस के अनुसार इस बात के सबूत हैं कि गोस्वामी ने रिपब्लिक टीवी की टीआरपी में छेड़छाड़ करने के लिए ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ साठगांठ की।

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