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कोलकाता : किसान विरोधी कानून को वापस लेने के लिए संयुक्त किसान मोर्चा ने बंगाल के किसानों से अपील करते हुए कहा है, `भाजपा को सबक सिखाने का समय आ गया है।’ दिल्ली के तमाम बॉर्डरों पर केंद्र के तीन कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसान संघों के संगठन संयुक्त किसान मोर्चा ने शुक्रवार को पश्चिम बंगाल के किसानों और अन्य लोगों से आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा को वोट नहीं देकर किसान आंदोलन को समर्थन करने के लिए कहा है।

मोर्चा ने कहा कि चुनावी हार केंद्र की भाजपा सरकार को तीनों नए कृषि कानूनों को वापस लेने के लिए मजबूर करेगी। एसकेएम नेता योगेंद्र यादव ने संवाददाताओं से कहा, `हम किसी भी पार्टी का समर्थन नहीं कर रहे हैं या लोगों से यह नहीं कर रहे हैं वे किसे वोट दें लेकिन हमारी एकमात्र अपील है कि भाजपा को सबक सिखाया जाए।’ एसकेएम ने एक पत्र भी जारी किया, जिसमें राज्य के किसानों से भाजपा को वोट नहीं देने का आग्रह किया गया है। मोर्चा ने पत्र में कहा कि चुनाव में हार से केंद्र सरकार कृषि कानूनों को रद्द करने के लिए मजबूर होगी।

सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर ने भाजपा पर देश को कुछ कॉर्पोरेटरों को बेचने की कोशिश करने का आरोप लगाया और लोगों से अपने मताधिकार का प्रयोग सावधानीपूर्वक करने का आग्रह किया। किसानों के आंदोलन को अपमानित करने के लिए केंद्र की निंदा करते हुए पाटकर ने आरोप लगाया कि ब्रिटिश शासकों ने भी ऐसे कृत्यों का सहारा नहीं लिया, जैसा वर्तमान सरकार कर रही है। उन्होंने पश्चिम बंगाल विधानसभा में कृषि कानूनों के खिलाफ प्रस्ताव पारित किए जाने का स्वागत किया।


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