ब्लॉगर की हत्या मामले में मिलेगी सख्त सजा
मुंबई : बांग्लादेश में कट्टरपंथियों की कटिंग शुरू हो गई है। करीब सप्ताह भर पहले बांग्लादेश में ढाका की आतंकवाद रोधी विशेष अदालत ने सेना के भगोड़े मेजर सैयद जियाउल हक समेत ८ लोगों को प्रकाशक फैसल दीपन की हत्या मामले में फांसी की सजा दिए जाने का फैसला सुनाया था। अब अदालत ने मशहूर ब्लॉगर और लेखक अविजीत रॉय की हत्या मामले में भी सख्त रुख दिखाते हुए ५ लोगों को फांसी और एक को उम्र कैद की सजा सुनाई है। फांसी की सजा पानेवालों में एक बार फिर भगोड़े मेजर सैयद जियाउल हक का नाम मुख्य साजिशकर्ता के रूप में शामिल है।
बांग्लादेश की विशेष अदालत ने प्रतिबंधित इस्लामी आतंकवादी समूह ‘अंसार अल इस्लाम’ से जुड़े ६ आरोपियों को मशहूर बांग्लादेशी-अमेरिकी ब्लॉगर अभिजीत रॉय की हत्या के मामले में दोषी माना। रॉय की आतंकवादियों ने वर्ष २०१५ में हत्या कर दी थी। रॉय को उनके लेखों के चलते कई बार जान से मारने की धमकियां मिल चुकी थीं। रॉय अक्सर अपनी किताबों में धार्मिक कट्टरता के खिलाफ आवाज उठाते थे इसलिए वे कट्टरपंथियों के निशाने पर थे। २६ फरवरी, २०१५ को रॉय, ढाका विश्वविद्यालय में एक पुस्तक मेले से निकल रहे थे। उस समय वहां काफी भीड़-भाड़ थी। उसी भीड़ का लाभ उठाकर हमलावरों ने रॉय पर पीछे से हमला कर दिया था। रॉय की पत्नी भी इस हमले में घायल हो गई थीं। हमलावरों ने रॉय और उनकी पत्नी पर चाकुओं से हमला किया था। उनकी चीख सुनकर जब लोग वहां पहुंचे तो देखा कि एक व्यक्ति घायल जमीन पर गिरा हुआ था, जबकि वहीं एक महिला को बाइक पर लिटाया गया था। कोई समझ नहीं पा रहा था कि क्या करना चाहिए? बाद में जीबान अहमद नामक फोटो पत्रकार ने रॉय और उनकी पत्नी राफिदा को पहचान लिया। जीबान ने अभिजीत को अस्पताल पहुंचाया पर इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। उनकी पत्नी बोन्या लंबे इलाज के बाद ठीक हो सकीं। अभिजीत के पिता अजय रॉय ने पुलिस में मामला दर्ज कराया था। अब ढाका की आतंकवाद रोधी विशेष अदालत के न्यायाधीश मुजीबुर्रहमान ने पांच आतंकवादियों को रॉय की हत्या के मामले में मौत की सजा दी है। मौत की सजा पानेवालों के नाम भगोड़े बर्खास्त मेजर सैयद मोहम्मद जियाउल हक जिया, मोजम्मिल हुसैन, अबू सिद्दीकी सोहेल उर्फ साकिब उर्फ साजिद, अकरम हुसैन उर्फ अबीर और मोहम्मद अराफात रहमान हैं। इनमें से जिया और अकरम फरार हैं।