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मुंबई, रमेश जारकीहोली ने महाराष्ट्र सरकार   पर अपनी विफलताओं को छुपाने के लिए इस मुद्दे को उठाने का आरोप लगाया।
कन्नड़ कार्यकर्ता और जल संसधान मंत्री रमेश जारकीहोली ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पर तीखा हमला किया है। उन्होंने ठाकरे के कर्नाटक के मराठी भाषी क्षेत्रों को महाराष्ट्र में शामिल करने वाले बयान पर विरोध जताया है। उन्होंने कहा कि उद्धव सरकार इस मुद्दे पर अनावश्यक भ्रम पैदा करने की कोशिश कर रहा है। जारकीहोली ने कहा, बेगलाम कर्नाटक का एक अभिन्न हिस्सा है। महाजन आयोग की रिपोर्ट पहले ही इसे स्वीकार कर चुकी है। ऐसे में एक इंच भी जमीन देने का सवाल नहीं है।
रमेश जारकीहोली ने महाराष्ट्र सरकार पर अपनी विफलताओं को छुपाने के लिए इस मुद्दे को उठाने का आरोप लगाया। भाजपा के राज्यसभा सदस्य ईरना कदादी ने ठाकरे को बयान को मूर्खता पूर्ण बताया। उन्होंने कहा, महाराष्ट्र राजनेता एक बंद अध्याय से राजनीतिक लाभ लेने की कोशिश कर रहे हैं। कर्नाटक के मराठी क्षेत्रों के लोग इतने सालों से खुशहाल जीवन जी रहे हैं।
बेलगाम के जाने-माने कन्नड़ नेता अशोक चंदारगी ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार ने पहले ही सीमा रेखा को लेकर सुप्रीम कोर्ट में मामला दायर कर दिया। ऐसे में कोई भी बयान अदालत की अवमानना करता है। अगर ठाकरे कोर्ट में मामले को लेकर चिंतित नहीं है तो उन्हें कोर्ट के बाहर अपनी लड़ाई शुरू करनी चाहिए।
कन्नड़ विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष टीएस नागभरण ने कहा कि उद्धव ठाकरे ने अच्छे से जानते है कि वे कर्नाटक से एक इंच भी जमीन नहीं ले पाएंगे, फिर भी बयान दिया। वहीं कार्यकर्ता वटल नागराज और गौड़ा ने उद्धव ठाकरे से ही जमीन देने की मांग कर दी। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र सरकार को कर्नाटक को सोलापुर देना चाहिए। यहां लगभग 120 गांव के कन्नड़ भाषी लोग बहुमत में है और मूलभूत सुविधाओं से वंचित है। वे कर्नाटक का हिस्सा बनना चाहते हैं।


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