मुंबई में प्रति 10 लाख की आबादी पर डेढ़ लाख की कोरोना जांच
मुंबई : कोरोना वायरस का प्रसार रोकने में सबसे कारगर हथियार साबित हो रही टेस्टिंग का आंकड़ा मुंबई में लगातार बढ़ रहा है। मुंबई में अब 10 लाख की आबादी पर 1,51,082 लोगों की कोरोना टेस्टिंग हो रही है। मुंबई में अब तक 21,15,153 लोगों का कोरोना टेस्ट किया जा चुका है। पहले यह काफी कम था, लेकिन बीएमसी कमिश्नर आई.एस. चहल ने ट्रेसिंग व ट्रीटमेंट के साथ कोरोना को रोकने में टेस्टिंग को सबसे ज्यादा महत्व दिया और आक्रामक तरीके से टेस्टिंग का अभियान चलाया। इतनी टेस्टिंग के बाद भी मुंबई देश में टेस्टिंग के मामले में पांचवें नंबर पर है। हालांकि
महाराष्ट्र में पहले नंबर पर है। महाराष्ट्र में दस लाख की आबादी पर 1,02,473 लोगों का टेस्ट हो रहा है। राज्य में अब तक 1,17,02,457 लोगों की कोरोना टेस्टिंग हो चुकी है। इनमें से 18,80,416 पॉजिटिव केस मिले हैं।
बीएमसी की मुहिम का असर
बीएमसी में अतिरिक्त आयुक्त सुरेश काकानी ने कहा कि मुंबई में कोरोना को मात देने के लिए हमने 'चेस द वायरस' अभियान काफी पहले से शुरू किया है। इसका सबसे अच्छा जरिया ज्यादा से ज्यादा लोगों की टेस्टिंग है। लोगों को टेस्टिंग में आसानी हो, इसके लिए मुंबई में 244 स्थानों पर फ्री टेस्टिंग की व्यवस्था की गई है। यहां अब तक तीन लाख से अधिक लोग कोरोना की जांच करा चुके हैं। 'मेरा परिवार, मेरी जिम्मेदारी' अभियान ने टेस्टिंग की संख्या बढ़ाने में काफी मदद की है।
कोरोना टेस्टिंग के मामले में तमिलनाडु काफी समय तक देश में नंबर वन पर रहा। टेस्टिंग के मामले में गुजरात का देश में छठवां नंबर है। गुजरात में 10 लाख की आबादी में से 1,37,835 लोगों का टेस्ट हो रहा है। गुजरात में अब तक 86,42,252 लोगों का टेस्ट हो चुका है, जिनमें से 2,27,521 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं।