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मुंबई: कंगना के दफ्तर में हुआ बीएमसी की तोड़क कार्रवाई को भले ही बीएमसी और महाराष्ट्र सरकार गलत नहीं मान रही हो. लेकिन शुक्रवार को हाई कोर्ट में जब  इस मामले पर सुनवाई हुई तो कोर्ट ने बीएमसी द्वारा की गई तोड़ फोड़ की कार्रवाई को गलत बताया. हाई कोर्ट ने कहा कि  बीएमसी ने यह कार्रवाई गलत नीयत के साथ की है. अदालत ने तोड़फोड़ से पहले ली गई अवैध निर्माण की तस्वीरों को भी अदालत को देने को कहा. अब अगली सुनवाई 28 सितंबर को होगी.

शुक्रवार को सुनवाई के दौरान शिवसेना सांसद संजय राउत की ओर से भी कोर्ट में जवाब दाखिल किया गया. इसी मामले को लेकर संजय राउत ने शुक्रवार को कहा कि यह कार्रवाई बीएमसी की ओर से की गई है. उनका इससे कोई लेना देना नहीं है. वही कंगना के वकील ने कहा कि यह कार्रवाई नहीं है, दुश्मनी निकाली गई है. कंगना महाराष्ट्र सरकार औऱ शिवसेना के खिलाफ खड़ी थी, इसलिए बीएमसी को हथियार बनाया गया. उन्होंने आगे कहा कि वह घर पुराना था और मानसून का मौमस आ रहा था, इसलिए थोड़ी बहुत मरम्महत का काम हो रहा था.

कंगना रनौत ने भी ट्वीट करते हुए लिखा था, ‘हाईकोर्ट के माननीय जज, इसने मेरी आखों में आंसू ला दिए. मुंबई की बरसात में वास्तव में मेरा घर बिखर रहा है. मेरे टूटे हुए घर को लेकर आपने जिस सहानुभूति के साथ सोचा, यह मेरे लिए बहुत मायने रखता है. मेरा दिल पर लगा जख्म भर गया है. मैंने जिसे खो दिया था उसे वापस देने के लिए आपका शुक्रिया. अब अगली सुनवाई 28 सितंबर को होगी. बेंच ने बीएमसी के अधिकारी और संजय राउत को अगली सुनवाई तक अपना पक्ष रखने कोर्ट में हाजिर होने को कहा.  


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