Latest News

मुंबई : बॉम्‍बे हाई कोर्ट ने एक फैसले में कहा है कि वेश्‍यावृत्ति कानूनन जुर्म नहीं है, न ही यह दंडनीय अपराध है लेकिन सार्वजनिक जगहों पर ऐसा करना जुर्म है। हाई कोर्ट ने लोअर कोर्ट के उन आदेशों को पलट दिया जिनमें तीन महिलाओं को एक साल से सुधारगृहों में रख गया था। हाई कोर्ट ने आदेश दिया कि तीनों को जल्‍द रिहा किया जाए।

पिछले साल मलाड के एक गेस्‍ट हाउस से तीन महिलाओं को पुलिस ने पकड़ा था। इन तीनों को पीड़‍ित बताते हुए एक दलाल को भी पकड़ा और देह व्‍यापार रोकथाम अधिनियम के तहत इन पर केस दर्ज किया था। जस्टिस पृथ्‍वीराज चव्‍हाण ने गुरुवार को दिए आदेश में कहा, 'कानून के तहत व्यवसायिक उद्देश्य के लिए यौन शोषण करना या सार्वजनिक जगह पर अशोभनीय हरकत को अपराध माना गया है।' कोर्ट ने अपने आदेश में आगे कहा कि व्‍यस्‍क महिला को अपना पेशा चुनने का अधिकार है। उसे उसकी सहमित के बिना सुधारगृह में नहीं रखा जा सकता।

Weather Forecast

Advertisement

Live Cricket Score

Stock Market | Sensex

Advertisement