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मुंबई : महाराष्ट्र में मंदिर खोलने की मांग को लेकर राजनीतिक घमासान मचा हुआ है। अब महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के अध्यक्ष राज ठाकरे ने मुख्यमंत्री और चचेरे भाई उद्धव ठाकरे को इस मसले पर पत्र लिखा है। महाराष्ट्र सरकार के मंदिरों को न खोलने के फैसले पर निराशा व्यक्त करते हुए राज ठाकरे ने कहा है कि क्या सरकार हिंदू भावनाओं के प्रति बहरी हो चुकी है? राज ठाकरे ने पत्र में लिखा, 'मुझे आश्चर्य है कि सरकार सोई हुई है या अचरज में है और हिंदुओं की भावनाओं के प्रति बहरी हो चुकी है। राज ठाकरे ने सरकार से मंदिरों को खोलने की मांग करते हुए चेतावनी दी है कि अगर सरकार ऐसा करने में विफल रहती है तो लोग सारे प्रतिबंध भूलकर अपने भगवान के दर्शन के लिए मंदिर की ओर मार्च करेंगे।' 

इससे दो दिन पहले एआईएमआईएम सांसद इम्तियाज जलील और वंचित बहुजन अघाड़ी के अध्यक्ष प्रकाश जावड़ेकर ने राज्य में धार्मिक स्थलों को खोलने के लिए प्रदर्शन शुरू किया है। राज ठाकरे ने पत्र में लिखा है कि अनलॉक 1,2, 3 की प्रक्रिया के दौरान कई नियमों में राहत दी गई है, मॉल दोबारा खोले गए हैं और 100 लोगों की पब्लिक गैदरिंग की भी इजाजत है। राज ठाकरे ने मंदिरों को खोलने के लिए प्रोटोकॉल सेट करने की सलाह देते हुए कहा, 'इन सबके बीच भक्तों को उनके भगवान से अभी भी दूर रखा जा रहा है। मंदिरों को खोलने के लिए ऐसा विरोध क्यों है?'

महाराष्ट्र में विपक्षी दल बीजेपी ने राज्य में धार्मिक स्थल फिर से खोलने की मांग को लेकर पिछले हफ्ते मंदिरों के बाहर प्रदर्शन किया था। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष देवेंद्र फडणवीस ने कहा था कि लोग जानते हैं कि मंदिर खुलने के बाद शारीरिक दूरी का किस तरह पालन किया जाना है। शिवसेना ने इस पर पलटवार करते हुए कहा कि अगर कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में दोबारा विस्फोटक वृद्धि हुई तो क्या वह इसकी जिम्मेदारी लेगी?


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