मुंबई : कांग्रेस में अध्यक्ष पद चुनाव के लिए सोनिया गांधी को लिखी गई चिट्ठी राहुल गांधी के खिलाफ साजिश: संजय निरुपम
मुंबई : कांग्रेस नेता और मुंबई के पूर्व सांसद संजय निरुपम ने पार्टी अध्यक्षा सोनिया गांधी को लिखी 23 सीनियर नेताओं की चिट्ठी को राहुल गांधी के खिलाफ षड्यंत्र करार दिया है। निरुपम ने कहा कि यह सबकुछ राहुल गांधी को अध्यक्ष पद से हटाने की साजिश है। पहले जो षड्यंत्र बंद कमरों में रचा जाता था, वह एक पत्र में उभर कर आया है।
संजय निरुपम ने कहा, 'कांग्रेस पार्टी और उससे जुड़े संगठनों में कलहबाजी हमेशा से ही रही है। लेकिन गांधी परिवार के खिलाफ इस तरह का षड्यंत्र पहले कभी नहीं हुआ। राहुल गांधी के खिलाफ लगातार षड्यंत्र रचते गए हैं लोग। और ये षड्यंत्र AICC में बैठे कुछ लोग हमेशा से ही रचते रहे हैं। मैं सबके बारे में नहीं कह रहा हूं, जि्होंने साइन किया है। कई लोग अच्छे भी हो सकते हैं। लेकिन कुछ लोग हैं, जो हमेशा से राहुल जी के खिलाफ साजिश रचते रहे हैं। उनकी वजह से ही कांग्रेस का नेतृत्व कमजोर हुआ है, इससे इनकार नहीं किया जा सकता है।'
उन्होंने कहा, 'यह पत्र राहुल गांधी का नेतृत्व कमजोर करने के लिए एक नया षड्यंत्र है। जो षड्यंत्र बंद कमरों में रचा जाता था, वह एक पत्र में उभर कर आया है। इसका एक ही जवाब है कि राहुल जी अध्यक्ष ना बनने की जिद्द छोड़ें और राज्यों में कांग्रेस की ढहती दीवारों को बचाएं। कांग्रेस को सिर्फ वही बचा सकते हैं।'
कांग्रेस के 23 वरिष्ठ नेताओं ने पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखकर बड़े बदलावों की मांग रखी है। इन नेताओं में कांग्रेस कार्यसमिति के कई सदस्यों के अलावा पांच पूर्व मुख्यमंत्री, कई सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री शामिल हैं। चिट्ठी में साफ कहा गया है कि पार्टी अपना सपॉर्ट बेस खो रही है और युवाओं का भरोसा भी। द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, नेतृत्व पर सवाल खड़े करते हुए इन नेताओं ने एक 'पूर्णकालिक और प्रभावी नेतृत्व' की मांग की है जो न सिर्फ काम करता नजर आए, बल्कि असल में जमीन पर उतरकर काम करे भी। इसके अलावा CWC का चुनाव कराने और पार्टी को फिर से खड़ा करने के लिए कोई योजना बनाने की भी मांग की गई है।
नेताओं ने कहा कि लोकतंत्र की सेहत के लिए पार्टी का मजबूत रहना जरूरी है। चिट्ठी में कहा गया कि कांग्रेस ऐसे समय में कमजोर पड़ी है जब देश 'सबसे बुरे राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक संकट' से गुजर रहा है। नेताओं ने कहा कि लोकसभा चुनाव में हार के सालभर बाद भी पार्टी ने 'आत्मनिरीक्षण' नहीं किया है। नए नेतृत्व की मांग करते हुए 23 वरिष्ठ कांग्रेसियों ने कहा है कि 'नेहरू-गांधी परिवार हमेशा पार्टी का अहम हिस्सा रहेगा।
सोनिया गांधी को भेजी गई चिट्ठी में राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद के अलावा पूर्व केंद्रीय मंत्रियों- आनंद शर्मा, कपिल सिब्बल, मनीष तिवारी, शशि थरूर, सांसद विवेक तनखा, AICC और CWC के मुकुल वासनिक और जितिन प्रसाद के नाम हैं। इसके अलावा पूर्व मुख्यमंत्रियों भूपिंदर सिंह हुड्डा, राजेंद्र कौर भटट्ल, एम वीरप्पा मोइली, पृथ्वीराज चव्हाण, पीजे कुरियन, अजय सिंह, रेणुका चौधरी और मिलिंद देवड़ा के भी पत्र पर हस्ताक्षर हैं। प्रदेश कमिटियां संभाल चुके राज बब्बर, अरविंदर सिंह लवली और कौल सिंह ने भी चिट्ठी को समर्थन दिया है। इसके अलावा अखिलेश प्रसाद सिंह, कुलदीप शर्मा, योगानंद शास्त्री और संदीप दीक्षित के भी हस्ताक्षर हैं।