फांसी लगाने से पहले महिला डॉक्टर ने पति और बच्चों को दी थी बेहोशी की दवा
नागपुर : महाराष्ट्र के नागपुर में अपने पति और दो बच्चों की कथित रूप से हत्या करने के बाद आत्महत्या करने वाली एक महिला चिकित्सक के बारे में पुलिस ने खुलासा किया है कि उसने अपनी जिंदगी खत्म करने से पहले पति और बच्चों को बेहोशी की दवा दी थी। नागपुर पुलिस ने मंगलवार को कोराडी इलाके में डॉ. सुषमा राणे को उसके घर पर छत के पंखे से लटका पाया और उसके पति धीरज (42) और 11 साल और पांच साल की उम्र के दो बच्चों को मृत अवस्था में पाया।
डॉ. राणे ने यहां अवंती अस्पताल में काम करती थी थी, जबकि धीरज एक इंजीनियरिंग कॉलेज में प्रोफेसर थे। पुलिस के अनुसार, वह मंगलवार सुबह करीब 6 बजे स्कूटी पर अपनी बेटी के साथ अस्पताल गई और बेहोश करने वाली दवा लाई। कोराडी पुलिस स्टेशन के एक अधिकारी ने बताया कि घर वापस आने के बाद, उसने कथित रूप से अपने पति और दो बच्चों को भारी मात्रा में बेहोशी की दवा दी और फिर खुद फांसी लगा ली। उन्होंने बताया कि पुलिस ने कमरे से दो सिरिंज बरामद की, जहां धीरज और दोनों बच्चों के शव मिले और घर के पीछे में एक और सिरिंज और बेहोशी की दवा की खाली शीशी मिली।
अधिकारी ने बताया कि घर से शराब की कुछ खाली बोतलें भी बरामद की गई हैं। जांच में पता चला है कि धीरज घर पर शराब का सेवन करता था। अधिकारी ने बताया कि घटनास्थल से बरामद एक सुसाइड नोट में, डॉ. राणे ने लिखा कि उसका पति कुछ समय से काफी परेशान है और वह उसे हर रोज 'मरते हुए' नहीं देख सकती। उन्होंने बताया कि अवंती अस्पताल के डॉक्टरों और जी एच रायसोनी सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान, जहां धीरज काम करते थे, के प्रिंसिपल और शिक्षकों ने पुलिस को बताया कि उन्हें दंपति की किसी भी मानसिक समस्या के बारे में कोई जानकारी नहीं थी।
पोस्टमॉर्टम के बाद, शवों को उनके परिवार के सदस्यों को सौंप दिया गया और विसरा फोरेंसिक विश्लेषण के लिए भेजा गया। पुलिस ने परिवार के सदस्यों और दोस्तों को पूछताछ के लिए बुलाया है और उनके कॉल डिटेल रिकॉर्ड का भी विश्लेषण कर रही है। उन्होंने कहा, 'हम उनके इस कठोर कदम के पीछे के सटीक कारण का पता लगाने की कोशिश की रहे हैं। दंपति के रिश्तेदार और दोस्त हमें अहम सुराग प्रदान कर सकते हैं।