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मुंबई : मुंबई शहर में कोरोना पाॅजिटिव मरीजों की संख्या दिनों दिन बढ़ रही है, जिसे काबू में करने के लिए सरकार और स्थानीय प्रशासन की ओर से कई गाइडलाइंस भी जारी की गई है. लोगों को कई तरह की हिदायतें भी दी गई हैं, इसके बावजूद लोग पुलिस नियमों का उल्लंघन करने से बाज नहीं आ रहे हैं. मुंबई पुलिस ने 20 मार्च के लाॅकडाउन के बाद से 20 अगस्त तक इन 5 महीने में 48,031 लोगों के खिलाफ आईपीसी की धारा 188 के उल्लंघन का मामला दर्ज कर कार्रवाई की है. शुक्रवार को पुलिस ने बीते 5 महीनों का लेखा-जोखा जारी किया जिसके अनुसार, पुलिस ने इन मामलों में इसी अवधि के दौरान 21 हजार 260 लोगों को गिरफ्तार भी किया है, जबकि इन्हीं मामलों में 8,140 आरोपी अभी भी फरार हैं. 

लाॅकडाउन का उल्लंघन करने वाले 18,621 लोगों को नोटिस देकर छोड़ दिया गया. मुंबई पुलिस कोरोना महामारी से फ्रंट पर लड़ रही है. एक ओर पुलिस लाॅकडाउन समेत कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए कड़ी मेहनत कर रही है, तो दूसरी ओर उसे कोरोना से भी जूझना पड़ रहा है. लॉकडाउन के शुरुआती दिनों में शरारती तत्वों ने पुलिस पर हमले भी किए थे, जिसमें कई पुलिस जवान घायल हुए थे. पुलिस ने इन मामलों में 100 से अधिक आरोपियों को गिरफ्तार किया.  गौरतलब है कि कोरोना वयारस से लड़ने के लिए लॉकडाउन की घोषणा महामारी कानून के तहत लागू किया गया है। इसी कानून में प्रावधान किया गया है कि अगर लॉकडाउन में सरकार द्वारा दिए गए निर्देशों का कोई व्यक्ति उल्लंघन करता है, तो उस पर भारतीय दंड संहिता अर्थात आईपीसी की धारा 188 के तहत कानूनी कार्रवाई की जाएगी.

कोरोना से आए दिन पुलिसकर्मियों की जान जा रही है. मुंबई के 59 पुलिस कर्मियों की कोरोना मौत हो चुकी है. इसके अलावा, पुलिस अधिकारी समेत सैकड़ों पुलिसकर्मी विभिन्न अस्पतालों में कोरोना से जूझ रहे हैं, जिससे इनके समक्ष पुलिस के समक्ष दोहरी चुनौती पैदा हो गई है. 


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