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मुंबई : ग्राम पंचायत प्रशासक के संबंध में बॉम्बे हाई कोर्ट ने बड़ा फैसला दिया हैं। कोर्ट ने अंतरिम आदेश जारी करते हुए कहा है कि, राज्य में जिन ग्रामपंचायतों की अवधि ख़त्म हो रही है वहां प्रशासक पद पर उचित व्यक्ति नहीं बल्कि सरकारी अधिकारी की नियुक्ति की जाए। कोर्ट के इस फैसले से ठाकरे सरकार को बड़ा झटका लगा है।
कोर्ट  के इस फैसले से समय सिमा समाप्त ग्राम पंचायतों पर प्रशासक के रूप में सरकारी अधिकारी नियुक्ति का मार्ग खुला हो गया है। पुणे जिले की कुल 750 ग्राम पंचायत शामिल है। इन 750 ग्राम पंचायतों का कार्यकाल 20 अगस्त से 31 अगस्त के बीच पूरा हो रहा है। इससे पहले, जिले में ग्राम पंचायत पर प्रशासक के रूप में किसे नियुक्त किया जाए इस पर भ्रम था। लेकिन अब,  कोर्ट  के आदेश के अनुसार, यह स्पष्ट हुआ कि, सरकारी अधिकारी ही प्रशासक होगा।
राज्य के ग्रामीण विकास विभाग द्वारा प्रशासक के रूप में उचित व्यक्ति की नियुक्ति करने का निर्णय लिया गया था। हालांकि, इस फैसले को राज्य भर में चुनौती दी गई थी। इस संबंध में तीन दर्जन चुनौती याचिकाएं  कोर्ट  में दायर की थी। इससे पहले, 27 जुलाई को सरकारी अधिकारी की नियुक्ति के बारे में अंतरिम आदेश जारी किया गया था। आज भी इसी तरह का अंतरिम आदेश जारी किया गया है और अगली सुनवाई 24 अगस्त को होने वाली है।
राज्य सरकार के फैसले के खिलाफ चुनौती याचिका दायर करने के बाद भी सरकार ने फिर एक बार इन याचिकाओं को दरकिनार करने के लिए राजपत्र जारी किया। 27 जुलाई को राज्य सरकार ने उचित व्यक्ति की नियुक्ति के संबंध में एक राजपत्र जारी किया था। हालांकि, राजपत्र को भी  कोर्ट  में चुनौती दी गई थी।

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