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मुंबई : ठाकरे सरकार में कर्मचारियों और अधिकारियों के तबादले को लेकर पैसे के लेन-देन का आरोप बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष व राज्य के पूर्व कैबिनेट मंत्री चंद्रकांत पाटिल ने लगाया है। पाटिल ने इस मामले की सीआईडी से जांच कराने की मांग की है। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य की महाविकास आघाडी सरकार के मंत्रियों ने पंद्रह प्रतिशत तबादले के नाम पर अनेक मलाईदार स्थानों पर अपनी मर्जी के मुताबिक अधिकारियों का तबादला कर भरपूर पैसा जमा किया है। 

गुरुवार को चंद्रकांत पाटिल ने कहा कि उपमुख्यमंत्री अजित पवार के वित्त विभाग ने तबादले नहीं करने का आदेश निकाला था, लेकिन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने उपमुख्यमंत्री पवार के आदेश को पलट दिया। पाटिल ने याद दिलाया कि राज्य सरकार ने ही कोरोना के कारण तबादलों पर रोक लगा दी गई थी, लेकिन 15 प्रतिशत तबादले की अनुमति देकर उस पर लगी रोक को हटा दिया गया। इसका फायदा महाविकास आघाडी सरकार के मंत्रियों ने पैसा बनाने के लिए किया। पाटिल ने आरोप लगाया कि तबादले पर बड़े पैमाने पर पैसे का लेन-देन हुआ है। जिनका राजनैतिक संबंध नहीं है और जिनके पास आर्थिक शक्ति नहीं है, ऐसे अधिकारी व कर्मचारियों पर अन्याय हुआ है। पाटिल ने अबतक जितने भी तबादले हुए है, उसकी जांच सीआईडी से कराने की मांग की है।

गुरुवार को जिस वक्त बीजेपी अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ठाकरे सरकार पर तबादले में पैसे के लेन-देन का आरोप लगा रहे थे, उसी समय मंत्रालय में तीन आईएएस अधिकारियों के तबादले पर हस्ताक्षर किए जा रहे थे। 1996 बैंच की आईएएस अधिकारी विनिता सिंघल को आदिवासी विकास से ऊर्जा और श्रम विभाग में भेजा गया है, जबकि आदिवासी विभाग की जिम्मेदारी अनुप कुमार को दी गई है। 2010 के आईएएस अधिकारी दिलीप हल्दे को महाराष्ट्र राज्य सहकारी विपणन संघ मुंबई के प्रबंध निदेशक के रूप में नियुक्त किया गया है।


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