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मुंबई : बकरीद पर कुर्बानी के लिए बकरों की खरीद-फरोख्त में आ रही तमाम तरह की तकलीफों को लेकर मुस्लिम समाज में व्याप्त नाराजगी का मुद्दा सोमवार को सरकार के दरबार में तेजी से गूंजा। महाविकास आघाडी सरकार के शिल्पकार शरद पवार को इस मामले में हस्तक्षेप करना पड़ा। इस मुद्दे को लेकर शरद पवार ने राज्य के मंत्रियों और मुस्लिम विधायकों के साथ एक बैठक की। बैठक में गृह मंत्रालय और बीएमसी के आला अधिकारियों को भी तलब किया गया। पवार के साथ बैठक में राजस्व मंत्री बालासाहेब थोरात गृहमंत्री अनिल देशमुख गृह निर्माण मंत्री जितेंद्र अव्हाड के अलावा कांग्रेस के राज्य के पूर्व मंत्री नसीम खान, कांग्रेस विधायक अमीन पटेल और समाजवादी पार्टी के अबू असीम आजमी शामिल थे। गृह विभाग के प्रधान सचिव सीताराम कुंटे और बीएमसी कमिश्नर इकबाल सिंह चहल को भी मीटिंग में बुलाया गया था।

बैठक में शामिल नसीम खान ने बताया कि बैठक के दौरान हमने शासन और प्रशासन से यह जानना चाहा कि जब एक बार सरकार ने बकरों की ऑनलाइन खरीद फरोख्त की इजाजत दे दी है तब फिर बकरों को लाते ले जाते वक्त पुलिस लोगों को क्यों परेशान कर रही है? उन्होंने बताया कि हमने इस बात को सरकार के सामने रेखांकित किया है कि सरकार ने एसओपी के नाम पर जो दिशा निर्देश जारी किए हैं उनमें कई सारे कंफ्यूजन हैं। जिसकी सजा आम लोगों को भुगतनी पड़ रही है। कंफ्यूजन को तत्काल खत्म कर स्पष्ट दिशानिर्देश जारी किए जाने की जरूरत है। इसके बाद शरद पवार ने मंत्रियों से इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री के साथ चर्चा करने को कहा।

वर्षा पर देर शाम बैठक

शरद पवार के इस निर्देश के बाद वर्षा बंगले पर शिवसेना, कांग्रेस और राकांपा के मंत्रियों की एक बैठक बुलाई गई। बैठक में गृहमंत्री अनिल देशमुख, नगरविकास मंत्री एकनाथ शिंदे, परिवहन मंत्री अनिल परब, गृहनिर्माण मंत्री जितेंद्र आव्हाड थे। बैठक में बकरीद को लेकर मुस्लिम समाज की परेशानियों और आपत्तियों पर चर्चा होने की बात की जा रही है। सूत्रों का कहना है कि बकरी ईद मनाने को लेकर सरकार की ओर से जारी किए गए दिशानिर्देशों में कुछ संशोधन किए जा सकते हैं अथवा प्रशासनिक स्तर पर कुछ फैसले लिए जा सकते हैं।


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