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मुंबई : कांदिवली के लालजीपाडा स्थित जय भारत एसआरए सोसायटी में शुक्रवार को उस वक्त हंगामा मच गया, जब वहां लोगों को पता चला कि वे चार दिन पहले 22 साल की जिस महिला के अंतिम संस्कार में वे शामिल हुए थे, वह कोविड-19 संक्रमित थी। बीएमसी ने मृतका शिवानी (बदला हुआ नाम) की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव होने के बारे में बताया, तो इलाके में कोहराम मच गया। परिजन का कहना है, ‘शिवानी की मौत के बाद उसकी लाश को बिना टेस्ट किए अस्पताल वालों ने अंतिम संस्कार करने के लिए कैसे दे दिया? अगर सोसायटी में किसी की मौत कोरोना से हुई, तो उसके लिए राज्य सरकार और कूपर अस्पताल वाले जिम्मेदार होंगे।’ सोसायटी में कांदिवली पुलिस की मौजदूगी में हेल्थ टीम ने जांच प्रक्रिया शुरू कर दी है। 

शिवानी की सास ने बताया, ‘कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद बीएमसी वाले हमारे घर पर सबको क्वारंटीन करने के लिए आए। हम दिहाड़ी मजदूर हैं। 14 दिन तक क्वारंटीन रहेंगे, तो खाएंगे क्या? अगर हमें पता होता कि हमारी बहू कोरोना पॉजिटिव है, तो हम उसकी लाश को सोसायटी में न लाकर सरकारी दिशा-निर्देशों के अनुसार उसका अंतिम संस्कार करते।’ गर्भवती शिवानी लालजी पाडा की एसआरए बिल्डिंग में रहती थी। पिछले हफ्ते तबीयत बिगड़ने पर उसे शताब्दी अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां से उसे कूपर अस्पताल भेज दिया गया। चार दिन पहले उसकी मौत हो गई। अस्पताल ने नैचरल डेथ का मामला बताकर लाश अंतिम संस्कार के लिए परिजन को सौंप दी। सोसायटी में 300 से ज्यादा लोगों ने शिवानी के अंतिम दर्शन किए। उसकी अर्थी को कंधा देकर दहानुकरवाडी श्मशान भूमि में ले जाकर अंतिम संस्कार किया गया। उसके कोरोना पॉजिटिव होने की जानकारी न होने के कारण किसी ने भी अंतिम संस्कार के लिए आईएमसीआर के दिशा-निर्देशों का पालन नहीं किया था। 


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