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मुंबई : आर्थिक गतिविधियों को दोबारा पटरी पर लाने के लिए शुरू की गई अनलॉक की प्रक्रिया के बाद मुंबई में कोरोना के मरीज तेजी से बढ़े हैं। 3 जून से अनलॉक की प्रक्रिया शुरू की गई, तब मुंबई में कोरोना मरीजों की संख्या 43262 थी। वहीं 22 जुलाई को मुंबई में कोरोना मरीजों की संख्या 104572 तक पहुंच गई। इस लिहाज से देखें तो 49 दिनों में मुंबई में कोरोना मरीजों की संख्या में 61310 की वृद्धि हुई है। यह संख्या मुंबई में कुल कोरोना मरीजों का करीब 59 प्रतिशत है। अनलॉक के बाद मुंबई में डेथ रेट भी डबल हुई है। हालांकि डबलिंग रेट, रिकवरी और ग्रोथ रेट में सुधार हुआ है। जानकारों का कहना है कि मुंबई में आर्थिक गतिविधियां शुरू होने के बाद कोरोना संक्रमण बढ़ने की आशंका थी। क्योंकि औद्योगिक परिसर, बाजार, दुकान, एयरपोर्ट शुरू होने से लोगों की आवाजाही बढ़ी। इस दौरान कुछ लोगों की लापरवाही भी सामने आई। बिना मास्क के घर से बाहर निकलने वाले ऐसे हजारों लोगों के खिलाफ जुर्माना लगाया गया।

कोरोना संक्रमण के शुरुआती दिनों में वर्ली, भायखला, धारावी, वडाला और मलबार हिल एरिया में कोरोना के ज्यादा केस सामने आ रहे थे। बोरिवली, मालाड, कांदिवली, दहिसर, भांडुप, मुलुंड और घाटकोपर एरिया को मुंबई में सबसे सुरक्षित माना जाता था। क्योंकि यहां बहुत कम केस सामने आ रहे थे। लेकिन, अनलॉक प्रक्रिया शुरू होने के बाद स्थिति एकदम उलट हो गई। धारावी, वर्ली, भायखला, मलबार हिल जैसे इलाकों में कोरोना मरीजों के मिलने का आंकड़ा काफी कम हो गया, लेकिन उत्तर मुंबई, पश्चिमी उपनगर और पूर्वी उपनगर में कोरोना के बड़े पैमाने पर केस सामने आए। बीएमसी द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, पिछले एक महीने में इमारतों से कोरोना मरीजों में 108 प्रतिशत का इजाफा हुआ है, जबकि स्लम एरिया से इस दौरान 60 प्रतिशत मरीज मिले हैं।


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