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मुंबई : राजस्थान में मौजूदा सियासी हालातों को देखते हुए महाराष्ट्र के राजनीतिक हलकों में यह चर्चा शुरू हो चुकी है कि अगला नंबर महाराष्ट्र का हो सकता है। इस चर्चा के पीछे कई सारी वजहें भी है। हाल ही में जिस तरह से एमवीए यानी महाविकास आघाड़ी में एनसीपी और शिवसेना के बीच में मनमुटाव चल रहा था। उसके पहले कांग्रेस अपने आपको आघाड़ी सरकार में उपेक्षित महसूस कर रही थी और खुलकर उनके नेताओं ने इस बात को स्वीकारा था कि उन्हें गठबंधन में तरजीह नहीं दी जा रही है। हालांकि इन तमाम अटकलों पर विराम लगाते हुए राज्य के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने कहा है कि उनकी सरकार 100 प्रतिशत पांच साल का कार्यकाल पूरा करेगी। 5 साल के बाद भी गठबंधन को किस प्रकार से आगे बढ़ाना है हम इस पर भी चर्चा करेंगे।

महाराष्ट्र के वरिष्ठ कांग्रेसी नेता और पूर्व सांसद संजय निरुपम ने राजस्थान कांग्रेस के मौजूदा हालात पर दुख जताते हुए कहा है, 'कांग्रेस पार्टी को सचिन पायलट को मनाना चाहिए। पार्टी को उन्हें से बाहर नहीं जाने देना चाहिए, क्योंकि अगर एक-एक करके सभी लोग यूं ही नाराज हो कर चले जाएंगे तो पार्टी में फिर कोई नहीं बचेगा। आलाकमान को राजस्थान के मसले में कोई हल जरूर निकालना चाहिए वरना यह पार्टी के लिए ही नुकसानदेह साबित होगा'।


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