लद्दाख में चीन के झुकने के पीछे है NSA अजीत डोभाल कनेक्शन!
नई दिल्ली : लद्दाख (Ladakh Standoff) के गलवान घाटी (Galan Valley) से चीनी सैनिकों को पीछे धकेलने के लिए नरेंद्र मोदी सरकार ने अपने सबसे मजबूत कूटनीतिक हथियार का प्रयोग किया था। केंद्र ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल (Ajit Doval) को मोर्चे पर लगा दिया था और उन्होंने रविवार को चीनी समकक्ष वांग यी के साथ करीब दो घंटे तक वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए बैठक की थी। भारत के सख्त रुख के बाद चीन के पास पीछे हटने के अलावा कोई और चारा भी नहीं था। भारत ने ड्रैगन को चौतरफा घेर रखा है चीन के 59 ऐप्स पर बैन के बाद पेइचिंग पूरी तरह से हिल गया था। इसी बातचीत में गलवान में तनाव कम करने पर सहमति बनी।
डोभाल ने वांग यी के साथ बातचीत में तमाम मुद्दों पर बातचीत की। लद्दाख सीमा पर दोनों पक्षों के सैनिकों के हटने के पीछे की वजह यही बातचीत है। गलवान घाटी (Galwan Valley News) में 15 जून को दोनों पक्षों के बीच खूनी संघर्ष में भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे जबकि चीन के 40 सैनिक मारे गए थे। डोभाल की बातचीत के बाद चीन ने गलवान घाटी में संघर्ष वाली जगह से 1.5 किलोमीटर अपने सैनिकों को पीछे हटा लिया है। बता दें कि दोनों देश तनाव को कम करने के लिए कई दौर की कमांडर स्तर की बातचीत कर चुके हैं।
डोभाल ने कल वीडियो कॉल पर चीनी विदेश मंत्री और स्टेट काउंसलर वांग यी के साथ बातचीत की। दोनों पक्षों के बीच बातचीत काफी सौहार्दपूर्ण और दूरदर्शी रही। दोनों के बीच बातीचत में भविष्य में गलवान घाटी जैसी घटनाओं को रोकने के लिए शांति बनाए रखने पर बातचीत हुई ताकि आगे इस तरह की विकट स्थिति पैदा न हो।
बातचीत के दौरान दोनों पक्ष इस बात पर भी सहमत दिखे कि जल्दी से जल्दी से विवादित क्षेत्र से सेनाएं पीछे हट जाएं और वहां शांति बहाली हो जाए। दोनों पक्ष इसके लिए वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के करीब मौजूद सैनिकों के जल्द हटाने पर भी हामी भरी। भारत और चीन ने चरणबद्ध तरीके से LAC के करीब से सैनिकों को हटाने की बात कही। बैठक में इस बात पर भी सहमति बनी की दोनों पक्ष LAC का उल्लंघन नहीं करेंगे और कोई भी पक्ष वहां यथास्थिति बदलने के लिए कोई एकपक्षीय कार्रवाई नहीं करेगा।