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मुंबई : एक्टर सुशांत सिंह राजपूत की ख़ुदकुशी की घटना के बाद डिप्रेशन को लेकर काफी चर्चा हो रही है. कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री मिलिंद देवड़ा का मानना है कि डिप्रेशन कोई पाप नहीं है. यह किसी भी उम्र और तबके के व्यक्ति को हो सकता है. उन्होंने कहा कि शरीर के बाकी अंगों की तरह हमारा दिमाग भी एक अहम हिस्सा है. ऐसे में मानसिक स्वास्थ्य भी एक बड़ा सब्जेक्ट है. कई बार छात्र, सीनियर सिटिजन और सफल लोग भी डिप्रेशन के शिकार हो जाते हैं. ऐसे में यदि कोई डिप्रेशन का शिकार है तो उसे  डॉक्टर की सलाह के साथ उचित इलाज करवाना चाहिए. इसे छुपाने की जरुरत नहीं है. उन्होंने कहा कि वे भी डिप्रेशन के शिकार हुए थे, लेकिन उन्होंने जिंदगी को लेकर अपना नजरिया बदला. 

मिलिंद ने डिप्रेशन से बाहर निकलने के लिए पांच तरीके बताए हैं. उनके मुताबिक इससे  बचने के लिए लोगों को अपने परिवार, दोस्त, सहकर्मियों, परिचितों से मिलते रहना चाहिए, जो आपको प्यार करते हैं. उनके मुताबिक डिप्रेशन किसी को भी हो सकता है. वह उम्र, लिंग, आर्थिक स्थिति, सफलता पर निर्भर नहीं करता. इसलिए मानसिक स्वास्थ्य को लेकर जानकार की सलाह लेने से ना हिचकें. हमें अपने अंदर के शैतान से लगातार लड़ते रहना चाहिए, कभी हार नहीं माननी चाहिए. मिलिंद ने कहा कि जिंदगी खूबसूरत है. आगे निकलने की होड़ में मत फंसिए. वह करिए जिसमें आपको खुशी मिलती हो. संगीत, खाना, ट्रेवल  अपना काम और अपने प्रिय लोगों को चुनिए. सबसे अहम बात, आप खुद से प्यार करना सीखिए.


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